नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट में आज संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 फिर से स्थगित करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने की मांग वाली याचिका आज खारिज कर दी है। यूपीएससी की ओर से यह परीक्षा 4 अक्टूबर, 2020 को निर्धारित है। अलबत्ता सर्वोच अदालत ने केंद्र से कहा है कि जिन उम्मीदवारों का यह आखिरी प्रयास होने वाला है, उनके साथ रियायत पर विचार करें। इससे पहले सोमवार को यूपीएससी ने अदालत से कहा था कि परीक्षा स्थगित करना असंभव है, क्योंकि सभी लॉजिस्टिक का इंतजाम पहले से किया जा चुका है।

सुप्रीम कोर्ट ने संघ लोक सेवा आयोग की ओर से 4 अक्टूबर को आयोजित होने जा रही प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने वाली अर्जी खारिज कर दी है। लेकिन, सर्वोच्च अदालत ने इसके साथ ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि जिन उम्मीदवारों का आखिरी यह अंतिम प्रयास है, उनके साथ कुछ रियायत करें। गौरतलब है कि देशभर में कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों को लेकर इस परीक्षा को स्थगित करने को लेकर सर्वोच अदालत में याचिका दायर की गई थी।

गौरतलब है कि सोमवार को यूपीएससी ने अदालत से कहा था कि परीक्षा स्थगित करना असंभव है, क्योंकि सभी लॉजिस्टिक का इंतजाम पहले से किया जा चुका है। तब जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली 3 जजों की खंडपीठ ने यूपीएससी से कहा था कि वह इस तथ्य को हलफनामे में रखे और व्यवस्थाओं के साथ रखें।

क्या थी मांग
याचिकाकर्ताओं की मांग रही कि बाढ़ और कोविड-19 के कारण कई अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होने में असमर्थ हैं। इसलिए परीक्षा की तारीख दो से तीन महीने आगे बढ़ा दी जाए। मामले की सुनवाई जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने की।

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