रविवार को देश भर में मेडिकल संस्थानों में दाखिले के लिए नीट (NEET) परीक्षा हो रही है. परीक्षा का वक़्त दोपहर दो बजे से पाँच बजे तक होगा.
कुछ दिन पहले ही इंजीनियरिंग संस्थानों के लिए जेईई (JEE) प्रवेश परीक्षा हुई थी. इससे पहले बहुत सारे छात्र महामारी के ख़तरे और आने-जाने की असुविधाओं को लेकर परीक्षा की तारीख़ आगे खिसकाने की अपील कर रहे थे.
कोरोना महामारी को देखते हुए परीक्षा आयोजित करवाने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कुछ बदलाव किए हैं. परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है और एक कमरे में कम छात्रों को बैठाया गया है.
जानिए किस तरह से एनटीए ने नीट परीक्षा के लिए व्यवस्था की है –
- पहले परीक्षा केंद्रों की संख्या 2,546 थी जिसे बढ़ाकर 3,843 किया गया. हर कमरे में छात्रों की संख्या को पहले से आधा कर दिया है. हर कमरे में 12 छात्र ही रहेंगे.
- एनटीए के मुताबिक़ छात्रों को अंदर आने के लिए दूरी का ख़याल रखा गया है. छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए हिदायतें भी दी गई हैं.
- हर छात्र को परीक्षा केंद्र में मास्क और सेनेटाइज़र साथ लाने के लिए कहा गया है लेकिन केंद्र में घुसते ही वहीं से नया मास्क उन्हें दिया जाएगा. एनटीए के अधिकारी ने पीटीआई न्यूज़ एजेंसी को बताया, “हर छात्र को एंट्री के वक़्त एक मास्क दिया जाएगा और परीक्षा के वक़्त उन्हें वही पहनना होगा ताकि नक़ल की कोई गुंजाइश ना हो.”
- सैनेटाइज़र परीक्षा केंद्र में गेट और कमरे दोनों जगह हर वक़्त रहेंगे. छात्रों के एडमिट कार्ड हाथ से चेक करने की बजाय अब बार कोड के ज़रिए चेक हो रहे हैं.
- पहले ये परीक्षा तीन मई को होनी थी लेकिन इसकी तारीख़ को दो बार टाली जा चुकी है.
- छात्रों ने इस बार भी परीक्षा की तारीख़ को टलवाने की कोशिश की थी लेकिन सरकार नहीं मानी. छात्र सुप्रीम कोर्ट भी गए लेकिन कोर्ट ने उनकी अपील को ख़ारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि छात्रों का क़ीमती साल ख़राब नहीं किया जा सकता.
- कई विपक्ष के नेताओं ने भी छात्रों के लिए आवाज़ उठाई थी जैसे राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन और दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने