भाटापारा- 18 किताबें, जिन्हें चाहिए पाठक। 19 ऐसे पुराण, जिन्हें खूब पाठक मिल रहे हैं। यह करोना काल का ही असर है जब पहली बार प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के पहले सफलता की तैयारियों के लिए विषय सामग्री के साथ सामान्य ज्ञान बढ़ाने वाली किताबों और अखबारों को भी छात्रों का इंतजार करना पड़ रहा है। बदलाव की बयार के बीच यह सुखद अवसर ही है जब वेद पुराणों की मांग किताब दुकानों में बढ़ रही है
किताबें सबसे अच्छा दोस्त होती हैं। किसी कलमकार की कलम से लिखे गए यह शब्द कोरोनावायरस के बढ़ते कदमों के बीच सही साबित हो रही है। संक्रमण से बचने व बचाने के बीच घरों में कैद लोगों को अब वह किताबें याद आ रही है जिन को पढ़कर न केवल ज्ञान बढ़ाया जा सकता है बल्कि विपत्ति के इस दौर में मजबूत बनने -बनाने में मदद भी मिलती है। जी हां बात हो रही है किताबों की दुनिया की जहां बदलाव का एक सुखद दौर आया हुआ है। किताब दुकानें इसे देखकर चकित है कि मार्च के पहले तक जो किताबें हाथों-हाथ बिका करती थी उनकी मांग में आश्चर्यजनक गिरावट आ चुकी है और वह किताबें (नहीं वेद-पुराण) जिन पर धूल की परत जमी होती थी ,फोन पर आर्डर दिए जाकर मंगाए जाने लगे हैं।

सबको पीछे छोड़ कर हुए आगे
पढ़ना एक गुना, चिंतन दो गुना, आचरण चौगुना। विनोबा भावे के यह शब्द आज ताकत बन रहे हैं। भय और चिंता के बीच अब किताबों की दुनिया में स्कंद पुराण, सत्यार्थ प्रकाश, सुखसागर, ब्रह्मदेव पुराण, श्री नरसिंह पुराण, गरुड़ पुराण, श्री नारद पुराण, संक्षिप्त महाभारत, स्तोत्र रत्नावली, श्रीमद्भागवत गीता, मत्स्य पुराण, कर्मपुराण, श्रीमद्भागवत पुराण, श्री वाल्मीकि पुराण, श्री वामन पुराण, श्रीरामचरितमानस, श्री भागवत रहस्य और सर्व मनोकामना जैसे 19 ऐसे वेद पुराण हैं जिन के पाठकों की संख्या में आश्चर्यजनक वृद्धि हो चुकी है।

यह होने लगे पीछे
सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। किसी ज्ञानवान की कलम से लिखे गए यह वाक्य आज उन लोगों के लिए संबल बन रहे हैं जो या तो फिर से सामान्य दिन का इंतजार में परेशान है या फिर वह छात्र जो उज्जवल भविष्य की चाह में पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं पर करोना का मजबूत ब्रेक लगा होने की वजह से ऐसी तैयारियों में मदद करने वाली पाठ्य सामग्री का बाजार सूना पड़ा है। फलतः रोजगार समाचार, नेशनल नाँलेज, बिजनेस टुडे, इंडिया टुडे, जनरल नॉलेज, टाइम, द न्यूज़, टेल मी वॉच, पांचजन्य, आउटलुक, आजकल, आरोग्यधाम ,राष्ट्र पत्रिका, घटनाचक्र, मनोहर कहानियां, सरस सलिल, वनिता, और चंपक जैसी किताबें पढ़ने वालों के इंतजार में हैं।

आगे आई डिजिटल लाइब्रेरी
नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी। 19 जून 2018 को चालू हुई यह लाइब्रेरी सहारा बन रही है उन लोगों के लिए जिनके पास तकनीक के साधन है। शिक्षा के लिए नेशनल मिशन के तहत चालू हुई नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी को आईआईटी खड़गपुर ने तैयार किया है। सिंगल विंडो सर्च फैसिलिटी के तहत रीडिंग मैटेरियल इसमें 10 भाषाओं में उपलब्ध है। 3 लाख लेखकों की 10 मिलियन पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाने वाली इस लाइब्रेरी से जुड़ने के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट कोरोना आउटब्रेक स्टडी फ्रॉम होम देख सकते हैं। इस सुविधा के लिए साइट पर अपना नाम रजिस्टर कराना होगा। इसके बाद लॉगिन करके इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है।

“प्रतियोगी परीक्षाओं के नहीं होने की वजह से जनरल नॉलेज की किताबों की सेलिंग नहीं है लेकिन यह जरूर है कि वेद पुराण की मांग मार्च के पहले के दिनों की तुलना में वर्तमान में ज्यादा बढ़ी हुई है। रुझान भी ऐसे ही पुराणों की ओर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।”
बबलू श्रीवास

संचालक, सुपर बुक डिपो, भाटापारा

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