भाटापारा- काजू की सपाट शुरुआत ने मेवा कारोबार के हाथों के तोते उड़ा दिए हैं। जिस तरह बाजार रोज रूप बदल रहा है उसके बाद यह आशंका तेज हो रही है कि इस बार मेवा में तगड़ा नुकसान हो सकता है क्योंकि शिखर पर रहने वाला काजू इस बार बीती दीपावली की तुलना में किलो पीछे लगभग 100 रुपए नीचे चल रहा है। मेवा की दूसरी किस्मो में भी हाल कुछ ऐसा ही है।
कोरोना ने ना केवल मानव जीवन पर गहरा असर डाला है बल्कि कारोबार भी इसने जिस तरह चुन-चुन कर निशाने पर लिया है उससे एक बात तो साबित हो चुकी है कि असर आने वाले साल पर भी बना रहेगा। दीपावली पर सारी तैयारियों के बाद की जाने वाली खरीदी में मेवा इस बार जमीन पर आ चुका है। शुरुआत काजू से हो चुकी है जिस की कीमतें बीते साल की तुलना में किलो पीछे 100 रुपए नीचे आ चुकी है। केरल में काजू का उत्पादन जोरदार होने की खबर आ रही है लेकिन घरेलू मांग में अब तक तेजी नहीं आ पाई है। इसलिए कीमतें लगातार नीचे जा रही है।

सपाट शुरुआत से उड़े होश
मेवा बाजार में सीजन दीपावली को मुख्य माना जाता है। इसके पहले के महीनों में रक्षाबंधन ही इसकी मांग करता आ रहा है लेकिन इस बार सारी तैयारियां धरी रह गई। बंदिशो के बीच जैसी छूट मिली उसने बाजार को राहत नहीं दी। इसे देखकर मेवा बाजार आने वाले दीपावली सीजन के पहले संकेत के रूप में देख चुका था। आशंका सही साबित हुई। अब जब सीजन ने दस्तक दे दी है तब जैसी कीमत पर बाजार खुला है उसे शुभ संकेत नहीं माना जा रहा है।

यहां से भी निराशा
रक्षाबंधन के बाद थोड़ी बहुत उम्मीद थी कि शादियों की तारीखों के आने पर रक्षाबंधन पर हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी लेकिन शर्तों के बंधन इतने कड़े निकले कि शादियों की तारीखें कब आई कब गई, यह पता नहीं चला। बीच के पर्व भी गिरते बाजार को थाम पाने में असफल रहे। अब यह बाजार फिर से दीपावली पर राहत मिलेगी यह सोचकर ही उत्पादक क्षेत्र से कम कीमत और कम मात्रा में सौदे किए लेकिन इसका भी लाभ होता दिखाई नहीं देता।

चुप्पी ने बढ़ाई चिंता
दीपावली पूर्व मेवा के रिटेल काउंटर और स्वीट कॉर्नर की चुप्पी के बाद यह बाजार बेहद चिंतित है। यह इसलिए क्योंकि नवरात्रि पर ही होलसेल काउंटर तक रिटेल अकाउंट की डिमांड पहुंच चुकी होती थी। मिठाई के बड़े कारोबारी भी खरीदी चालू कर चुके होते थे लेकिन इस बार यह दोनों क्षेत्र चुप है। इसके पीछे जैसे कारण सामने आ रहे हैं उनमें कभी भी लॉकडाउन एकमात्र कारण बताया जा रहा है। ऐसी स्थिति में ना तो रिटेल काउंटर खतरा मोल लेने के मूड में है ना मिठाई दुकानें।

इस कीमत पर मेवा
मेवा बाजार में शिखर पर रहने वाला काजू इस समय 700 से 750 रुपए किलो पर आ चुका है तो किशमिश 250 से 300 रुपए किलो बोली जा रही है। बादाम 550 से 600 रुपए किलो के साथ 100 रुपए नीचे आ चुका है। पिस्ता 1200 से 1250 रुपए किलो पर स्थिर है तो मखाना 550 से 650 रुपए किलो और अंजीर 640 से 700 रुपए किलो पर शांत है। जैसी जानकारी आ रही है उसके मुताबिक मेवा की सभी किस्में किलो पीछे 50 से 100 रुपए नीचे चल रही है