भैसा- पुरुषोत्तम मास के अवसर पर श्री सिद्धिविनायक आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा का मूल पाठ, बेदी पूजा एवं व्यास पूजा के साथ कथा का आज शुभारंभ हुआ, कथा व्यास पर भागवत आचार्य पंडित त्रिभुवन महाराज विराजित है कथा के मुख्य जजमान यशवंत संतोषी यादव एवं तेजेश पूनम यादव यदु द्वारा पूजा अर्चना कर व्यास पूजा की गई ,ऐसा माना गया है कि प्रत्येक 3 वर्ष के पश्चात पुरुषोत्तम मास आता है, जिसमें सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं किंतु इस माह में सत्संग, भजन, यात्रा कीर्तन, कथा श्रवण आदि कई गुना फल प्राप्त होता है इसीलिए इस माह में सभी तीर्थ स्थानों एवं अपने घरों में कथा का आयोजन का अधिक पुण्य लाभ लेते हैं, अधिक पुण्य मिलने के कारण ही से अधिक मास भी कहा जाता है, इस वर्ष यह संयोग लगभग 126 वर्ष बाद बनेगा ऐसा ज्योतिष द्वारा बताया जा रहा है इसलिए लोग अधिक से अधिक सत्संग कीर्तन में लगे हुए हैं, कोरोना महामारी की वजह से लोग सार्वजनिक कार्यक्रमों से बच रहे हैं, किंतु घर परिवार में इस समय पूजा कर लोग पुण्य का भागीदार बन रहे हैं श्री सिद्धिविनायक आश्रम में श्रीमद् भागवत का मूल पाठ का आयोजन किया गया है जो फेसबुक में लाइव रहेगा ,सुबह 8:00 बजे पूजा आरती एवं 3:00 से 6:00 तक पाठ के पश्चात शाम को संगीतमय कीर्तन व आरती का आयोजन किया जाएगा, भगवत आचार्य पंडित त्रिभुवन महाराज ने भागवत महात्मा कथा सुनाते हुए कहा कि भागवत कथा भगवान श्री कृष्ण के वांग्मय स्वरूप है, ऐसा माना गया है कि 7 दिनों में व्यक्ति अगर कोई इच्छा रख लेता अगर सच्चे मन से कथा सुने तो निश्चित ही उनकी मनोकामना पूर्ण होती है इसीलिए लोग भागवत कथा का आयोजन करते हैं भागवत कथा के आयोजन के लिए शास्त्रों में भी नियम बताएं है जिसके तहत कथा के आयोजन के लिए सुपात्र कथावाचक की उपयुक्त बताया है जो शास्त्रों के अध्ययन अध्यापन करता हो साथ ही आयोजन ऐसे करना चाहिए जैसे घर में पुत्र पुत्रियों के शादी आदि हो ,इस प्रकार का उत्सव का माहौल में कथा का आयोजन करना चाहिए तथा महात्मय के बारे में बताते हुए कहा कि कथा तीर्थ स्थान, मंदिर प्रांगण, गंगा नदी आदि स्थानों पर सुने जाने पर कई गुना फल मिलता है किंतु अगर यहां नहीं हो सके तो अपने घरों में भी कथा का आयोजन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, कथा में श्रोता और वक्ता दोनों के लिए नियम बताया गया है इनका पालन कर 7 दिनों तक कथा श्रवण करें तो जीवन में निश्चित रूप से ही सफलता एवं पुण्य की प्राप्ति होती है, अभी लगातार 7 दिनों तक कथा का मूल पाठ चलेगा इसमें करो ना महामारी से बचने के लिए शासन द्वारा बताया गया नियमो का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंस के साथ कार्यक्रम किया जा रहा है, साथ ही साथ सीमित संख्या में भक्तगण भाग लेकर कथा संपन्न कर रहे हैं ।

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