@अशोक साहू
बारिश से कृषि उपज को नुकसान से बचाने के प्रयासों को मिल रही सफलता

भाटापारा- निरंतर बढ़ती आवक और बारिश से बिगड़ती व्यवस्था को आखिरकार मंडी प्रबंधन पटरी पर लाने में सफल रहा। इसमें किसानों, अभिकर्ताओं, मिलरों और श्रमिकों का पूरा सहयोग रहा जिसकी वजह से बारिश में दिक्कत के दौरान बचा जा सका। यह व्यवस्था आगे भी बनी रहेगी।
18 हजार बोरी धान, दलहन और तिलहन की आवक के बावजूद कारोबारी सप्ताह के पहले दिन मंडी में सब कुछ बेहद व्यवस्थित रहा। इसके पहले हुई मानसून की पहली बारिश से हो चुके नुकसान से सबक लेते हुए मंडी प्रबंधन लगातार प्रयास करता रहा। पहला प्रयास उस दिन सफल हुआ जब शेड के नीचे नीलामी का फैसला लिया गया। हालांकि यह शेड खाली नहीं थे लेकिन किसानों की उपज थी जिसे उचित भाव नहीं मिल पाने की वजह से रखा गया था। समझाइश के बाद यह उपज धीरे-धीरे नीलाम करवाई गई। 1 सप्ताह की कोशिशों के बाद कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सफलता उस वक्त मिली जब सातों शेड का 75 फ़ीसदी हिस्सा खाली होने के बाद सुरक्षित नीलामी सुनिश्चित करवाई गई।
नुकसान से बचाने यह प्रयास
किसानों,अभिकर्ताओं और मिलरों को बारिश से होने वाले नुकसान से बचाने के बीच एक नई पहल यह की गई है कि आवक का दबाव बढ़ने पर इसे नियंत्रित करने के उपाय किए जाएं। इस पर बीते सप्ताह किया गया पहला प्रयोग 3 दिन ऊपज नहीं लाने की सलाह किसानों को दी गई ताकि बची कृषि उपज की नीलामी करवाई जा सके। यह प्रयोग सफल रहा। अब इसे आगे प्रतिकूल स्थितियों में लागू किए जाने के प्रयास है।
मांग का रखेंगे पूरा ध्यान
मंडी प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि राइस मिल, पोहा मिल और दाल मिलों की प्रतिदिन की जरूरत का पूरा ध्यान रखा जाएगा। सारा जोर उनकी प्रतिदिन की मांग पूरी करने पर होंगा। कारोबारी सप्ताह के पहले दिन दलहन तिलहन बारीक और मोटा धान की कुल आवक का औसत आंकड़ा लगभग 18 हजार बोरी का होना दर्ज किया गया है।
“शेड में नीलामी प्रक्रिया से संभावित नुकसान से बचने में काफी मदद मिली है। प्रांगण में नीलामी के लिए सभी की सहमति से काम होंगे।“
डी के सिंह, सचिव कृषि उपज मंडी भाटापारा