बाद की सभी प्रक्रियाएं भी बांटी गई दो हिस्सों में
@अशोक साहू
भाटापारा- नीलामी करवाने वाली 2 टीम। खरीदी के लिए बोली लगाने वालों की भी 2 टीम। भराई और तौलाई करने का काम भी इसी तरह दो भाग में बांट कर किया जाने वाला काम मंगलवार की सुबह से कृषि उपज मंडी में शुरू होने जा रहा है। कई मायनों में इसे बेहद सुधार वाला कदम माना जा रहा है। इन सभी व्यवस्था के बीच एक बात बेहद संतोष पहुंचाने वाली मानी जा रही है कि इस नई व्यवस्था पर पहली ही बार में मिलों और अभिकर्ताओं ने एक साथ सहमति दे दी है। इसमें इससे यह बात पक्के तौर पर प्रमाणित हो गई है कि व्यवस्था में सुधार के लिए दोनों पक्ष एक राय है।

मंगलवार की सुबह कृषि उपज मंडी में एक नई व्यवस्था के साथ होने जा रही है। बहुत दिनों बाद पोहा मिलों और मंडी अभिकर्ताओं के बीच किसी प्रस्ताव पर सहमति बनी। यदि यह सहमति बनी तो इसके पीछे मंडी व्यवस्था समिति के अध्यक्ष शंकर किंगरानी की मेहनत और प्रयासों को श्रेय दिया जा सकता है जिन्होंने पटरी से उतर चुकी व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के गंभीर प्रयास किए। मंडी प्रशासन के साथ मंडी अभिकर्ता और मंडी व्यवस्था समिति के सदस्यों ने समिति के इस नए प्रस्ताव पर सहमति दे दी। हर व्यावहारिक पहलुओं पर विचार करते हुए मंगलवार से नई व्यवस्था के मुताबिक संचालन के लिए हामी भरी जा चुकी है। नई व्यवस्था के तहत पूरे प्रांगण को दो हिस्सों में बांट कर काम को भी दो भाग में बांट दिया गया है। और तो और मिलों का भी समूह बनाकर ए और बी में बांट दिया गया है। जिससे सारे काम अब जल्द पूरे हो सकेंगे।

मंगलवार से नई व्यवस्था
जिस प्रस्ताव पर सहमति बनी है उसके अनुसार पूरे प्रांगण को दो भागों में बांट कर दो हिस्से में नीलामी और बाद की सभी प्रक्रियाएं पूरी किए जाने की व्यवस्था होगी। इसके लिए टीम ए और बी का गठन भी कर दिया गया है। टीम ए और टीम बी मुख्य द्वार के बाद के खुले प्रांगण में दो हिस्सों में नीलामी की प्रक्रिया पूरी करवाएंगे। पहली टीम अपने हिस्से के प्रांगण की कृषि उपज नीलामी के बाद शेड क्रमांक 3, शेड क्रमांक 4 और शेड क्रमांक दो मैं पहुंच कर यह काम करवाएगी। जबकि टीम बी अपने हिस्से के खुले प्रांगण में नीलामी की प्रक्रिया बीच से शुरू करेगी और लंबाई वाले शेड से होती हुई दूसरे लंबे शेड में पहुंचेगी। वहां भी यह यही काम करेगी। लंबाई में दूसरे शेड को भी आधे आधे हिस्से में विभक्त कर दिया गया है। यहां पहुंचने के बाद पहली टीम को अंतिम लंबाई वाला शेड का आधा हिस्सा सौंप देगी जो शेड क्रमांक 2 से आ रही है।

यह काम भी दो भाग में
जिस क्रम में नीलामी हुई है उसी क्रम में नीलामी के बाद की भी प्रक्रिया पूरी होगी। यहां यह ध्यान में रखने वाली बात होगी कि नीलाम करने वाली टीम हर रोज एक दूसरे की जगह लेगी। नीलामी के बाद की सभी प्रक्रियाएं भी इसी क्रम में चलाने के प्रस्ताव पर मुहर लग चुकी है। अभी तक होता यह था कि भोजन अवकाश का समय काफी ज्यादा था अब इसके लिए और भी ज्यादा समय मिलेगा क्योंकि काम की जगह भी बांटी जा चुकी है। नीलामी के बाद बोरा भराई, तौलाई,सिलाई और लोडिंग का काम भी इसी क्रम में इसी व्यवस्था के तहत किया जाएगा।

पोहा मिलों की भी बनी दो टीम
नए प्रस्ताव के मुताबिक पोहा मिलों की कुल संख्या को भी दो भागों में बांट कर दो टीम बना दी गई है। पहली टीम में पोहा मिलों की संख्या 62 होगी तो दूसरी टीम में पोहा मिलों की संख्या 60 तय की गई है। एक और बात का ध्यान रखा गया है कि नई व्यवस्था में राइस मिलें और ट्रेडर्स इस व्यवस्था से मुक्त होंगे यानी वे दोनों क्षेत्रों में खरीदी कर सकेंगे।
“मंगलवार से मंडी प्रांगण की व्यवस्था को दो भाग में विभक्त किया जा रहा है। नीलामी ,बोली और बाद की सभी प्रक्रिया इसी व्यवस्था के तहत होगी। इसके लिए मिलर्स और मंडी अभिकर्ताओं ने अपनी सहमति दे दी है।”
डीके सिंह, सचिव, कृषि उपज मंडी, भाटापारा
“मंडी में व्यवस्था को दो अलग-अलग भाग में किए जाने के प्रस्ताव पर सभी ने सहमति व्यक्त की है। नई व्यवस्था मंगलवार से लागू होगी। इसमें अब दो तरफ से नीलामी और बाद की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।“
शंकर किंगरानी, अध्यक्ष, मंडी व्यवस्था समिति कृषि उपज मंडी भाटापारा