भाटापारा- 24 घंटे के भीतर दूसरा झटका। अब वनस्पति तेल ने सीधे शतक ठोंक दिया है। अब बचा शुद्ध घी। इसने भी 300 रुपए की बढ़ोतरी के बाद विकल्प के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं। याने रसोईघर के लिए जरूरी इन दोनों की खरीदी जैसे-तैसे करके करनी ही पड़ेगी।
नए साल का पहला महीना। खत्म होते पहले सप्ताह ने जैसा झटका दिया है उसके बाद बन रही किराना सामान की सूची में दूसरी जरूरी चीजों की मात्रा कम की जाने लगी है क्योंकि जरूरी खाद्य तेल की मात्रा का घटाया जाना असंभव जान पड़ रहा है। इस बीच वनस्पति तेल की सीधी 100 रुपए की बढ़त ने खाद्य तेल के विकल्प का रास्ता बंद कर दिया है।
सैकड़ा की बढ़त
खाद्य तेल में जब-जब तेजी आई है तब-तब उपभोक्ता की खरीदी सीधे वनस्पति तेल की ओर गई है लेकिन खाद्य तेलों में तेजी के 24 घंटे बाद ही इसने 100 रुपए की वृद्धि के बाद विकल्प भी लगभग बंद कर दिया है। 40 फ़ीसदी हिस्सेदारी के साथ चल रहे वनस्पति तेल से यह स्थिति अब खत्म होने की पूरी आशंका है क्योंकि उपभोक्ता इसमें कम ही हैं। इसके बावजूद बाजार उम्मीद लगाकर चल रहा है कि तेलों में तेजी के बाद यह संख्या बढ़ सकती है।
जम गया शुद्ध घी
शुद्ध घी। यह भी रसोई घर की जरूरी सामग्री है। उपयोगिता की मात्रा भले ही सीमित है लेकिन मौजूदगी अनिवार्य है। खाद्य तेल और वनस्पति में तेजी के बाद बाजार बढ़ेगा इस संभावना से इंकार तो किया जा रहा है लेकिन कोरोना काल में मांग में हल्की बढ़त से कीमत भी बढ़ी हुई है। हैरत जताई जा रही है कि आखिर ऐसी कौन सी वजह है जिसने इसमें भी 24 घंटे के भीतर 70 रुपए की तेजी लाने को मजबूर कर दिया? क्योंकि सभी कंपनियों ने अपने उत्पादन की कीमत बढ़ा दी है।
अब इस कीमत में
24 घंटे पहले तक 1150 से 1200 रुपए टीन पर मिल रहे वनस्पति तेल की नई कीमत जो बाजार बता रहा है उसके अनुसार अब यह 1250 से 1300 रुपए में मिलेगा। वनस्पति के सभी ब्रांड की कीमत इसके आस-पास पहुंच चुकी है। शुद्ध घी का टीन अब 4300 रुपए में लिया जा सकेगा। एक साथ 300 रुपए की तेजी के पहले तक यह 4000 रुपए टीन पर मिल रहा था।