बलौदाबाजार- कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राहत की खबर। अब मोहल्ला स्कूल संचालन के पहले संबंधित पंच या पार्षद एवं पालकों की सहमति अनिवार्य रूप से लेनी होगी। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि जिले भर से इस तरह की जानकारियां जिला मुख्यालय तक पहुंच रही है कि पार्षद व पंच तो मोहल्ला स्कूल के लिए अनुमति दे ही नहीं रहे हैं साथ ही पालक भी राजी नहीं हो रहे हैं।
कोरोना काल में स्कूलों की पढ़ाई बाधित होने के बाद कई तरह के प्रयास जारी हैं। इनमें ऑनलाइन क्लास को सबसे ज्यादा सफलता मिल रही है। लेकिन नेटवर्क की उपलब्धता नहीं होने से भी परेशानी देखी जा रही है। ऐसे नियमित पढ़ाई होती रहे इसलिए मोहल्ला, पारा या टोला में मोहल्ला स्कूल की योजना लाई गई लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद ना तो पालक राजी हो रहे हैं ना ही पार्षद या पंच से अनुमति मिल रही है। लिहाजा मोहल्ला स्कूल की योजना फिलहाल तो सार्थक होती नजर नहीं आती।
इसलिए मोहल्ला स्कूल नहीं
जिले में जिस तरह कोरोनावायरस मरीजों की संख्या बढ़ रही है उसके बाद बने रहे कंटेंटमेंट जोन पहली बाधा बन
रहे हैं। जहां ऐसी दिक्कत नहीं है वहां पार्षद या पंच अनुमति देने से साफ मना कर रहे हैं। जहां अनुमति मिल रही है वहां पालक राजी नहीं हो रहे हैं याने संक्रमण के खतरों के बीच ना तो पालक राजी हो रहे हैं और ना जनप्रतिनिधि अनुमति दे रहे हैं।
अनुमति के बाद ही मोहल्ला स्कूल
जिला शिक्षा कार्यालय तक पहुंच रही दिक्कतों को देखते हुए मार्गदर्शन जारी किया जा रहा है कि प्रयास करते रहें। जब तक पालक की अनुमति नहीं मिल जाती तब तक ऐसी स्कूल ना लगाई जाए। साथ ही उस वार्ड या मोहल्ला के पंच या पार्षद की अनुमति आवश्यक रूप से लें ताकि छात्रों के बैठने और कोविड-19 के लिए जारी गाइडलाइन का पालन किया जाना सुनिश्चित हो सके।
ऑनलाइन क्लास में मिल रही सफलता
मोहल्ला स्कूल के लिए किए जा रहे प्रयासों को मिल रही असफलता के बाद जिला मुख्यालय ने स्कूलों से आग्रह किया है कि ऑनलाइन क्लास के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करें। इस काम में सफलता मिल रही है। धीरे-धीरे ना केवल बच्चों की संख्या बढ़ रही है बल्कि दिलचस्पी भी दिखाई दे रही है। सतत निगरानी के बेहतर परिणाम भी बच्चों के नियमित जुड़ाव के रूप में सामने आ रही है।
“मोहल्ला स्कूल के लिए पालक और पार्षद या पंच की अनुमति आवश्यक रूप से लिया जाना अनिवार्य होगा। यदि वे अनुमति नहीं दे रहे हो तो यह काम स्थगित कर सकते हैं और ऑनलाइन क्लास में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास करें ताकि आपदा के समय में अध्ययन व अध्यापन का काम जारी रखा जा सके।”
सी एस ध्रुव
जिला शिक्षा अधिकारी बलौदाबाजार