तिल्दा/भाटापारा- समय रहते उठाए गए कदम, लबालब हो चुके गंगरेल जलाशय से छोड़ा गया पानी अब तक भाटापारा ब्लॉक के लगभग 55 गांव तक पहुंच चुका है। 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य लेकर चल रहे भाटापारा शाखा नहर संभाग को अब तक 4500 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित करने में सफलता मिल चुकी है। पानी की मात्रा जिस तरह प्रतिदिन बढ़ाई जा रही है उसके बाद गंगरेल का पानी टेल एरिया तक अपनी पहुंच बना चुका है।

सप्ताह बीतने को आया। गंगरेल बांध से छोड़ा गया पानी भाटापारा ब्लॉक के लगभग 55 गांवों तक पहुंच चुका है। इसमें समय रहते पानी के इंतजार में खड़ी फसलों को अब फिर से अपनी ग्रोथ बढ़ाई मैं भी मदद मिली है। पानी के अभाव में उर्वरकों के माध्यम से मिलने वाले पोषक तत्व पहुंचाने में किसान अपने आप को असमर्थ पा रहे थे। पानी पहुंचते ही खेतों तक पानी पहुंचाने में इस बार जैसी जागरूकता किसान और पंचायतें दिखा रही है उसने विभाग का मनोबल बढ़ाने में भरपूर मदद की है। वह यह कि पानी चोरी नहर काटने या बेवजह पानी बर्बाद करने जैसी शिकायतें अभी तक किसी भी गांव से नहीं मिली है।

पहली ही मांग में मिला पानी
कमजोर बारिश के बाद किसी तरह ब्लॉक के किसानों ने बोनी तो कर ली लेकिन ऐन जरूरत के वक्त बादल पीछे हटते दिखाई दिए। हालात सूखे जैसी बनती देख किसानों की पहली मांग सरकार तक पहुंची। तुरंत फैसला लिया गया और गंगरेल के गेट खोल दिए गए। भाटापारा ब्लॉक के टेल एरिया तक के अंतिम गांव तक पानी पहुंच चुका है। अब यह पानी जरूरतमंद गांव तक पहुंचाया जा रहा है। बीच-बीच में हो रही बारिश से भी खेतों की नमी बनी हुई है।
13 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य
गंगरेल बांध से छोड़े गए पानी से भाटापारा के 13000 हेक्टेयर रकबे की फसलों को सिंचित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। सप्ताह बीतने तक 4500 हेक्टेयर क्षेत्र में ली गई फसलों को यह पानी पहुंच चुका है। लाभान्वित गांव की संख्या की बात करें तो यह संख्या 55 को पार करती नजर आ रही है। यह संख्या अभी और बढ़ेगी क्योंकि प्रतिदिन जल प्रवाह की मात्रा बढ़ाई जा रही है।
टेल एरिया तक पहुंचा पानी
भाटापारा ब्लॉक के लिए प्रतिदिन 350 क्यूसेक पानी की मांग की गई है। मात्रा अभी भले ही कम है लेकिन उचित प्रबंधन और ग्राम पंचायतों के सहयोग से टेल एरिया के ग्राम मर्राकोना तक सिंचाई के लिए पानी पहुंच चुका है। इसे अब माइनर केनाल के माध्यम से जरूरतमंद गांव तक पहुंचाएं जाने के प्रयास चालू हो गए हैं क्योंकि जल प्रवाह की मात्रा बढ़ाए जाने का काम भी गंगरेल बांध प्रबंधन ने चालू कर दिया है। इसलिए पूरा भरोसा है कि सिंचाई पानी का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।

विभाग अलर्ट पंचायतें जागरूक
बीते खरीफ सत्र की तरह इस खरीफ सत्र में पानी के लिए नहर काटे जाने की शिकायतें अभी तक नहीं मिली है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि पंचायतों ने जागरूकता का परिचय देते हुए नहर काटने वालों को दंडित करने का फरमान जारी किया हुआ है। इससे मैदानी क्षेत्र में काम कर रहे विभाग के कर्मचारियों को अपने काम में दिक्कत नहीं आ रही है। विभाग मुख्यालय भी राहत की सांस ले रहा है पंचायतों में आई जागरूकता को देखकर। इसके बावजूद फील्ड स्टाफ सतर्क है।
“गंगरेल बांध से भाटापारा ब्लॉक को दिए जा रहे पानी की मात्रा बढ़ाई जा रही है। अब तक 55 गांव की 4500 हेक्टेयर कृषि भूमि पर ली गई फसलों तक पानी पहुंच चुका है। टेल एरिया तक पानी पहुंचने के बाद अब यह पानी माइनर कैनाल के जरिए जरूरतमंद गांव तक पहुंचाया जाएगा।”
के के खरे
एसडीओ, भाटापारा मुख्य शाखा नहर, संभाग तिल्दा