भाटापारा- पिछले 48 घंटे से हो रही लगातार बारिश के बाद रास्ते बंद होने लगे हैं। नदियों का जलस्तर बढ़ चुका है तो बरसाती नाले उफान पर आ चुके हैं। असर यह कि कृषि उपज मंडी में शुक्रवार की आवक मे जोरदार गिरावट आई और यह 10 हजार बोरा पर आकर सिमट गया । बारिश यदि आगे भी ऐसे ही रही तो आवक और गिरने के प्रबल आसार बनने लगे हैं।

अतिवृष्टि का दौर और पिछले 48 घंटों से लगातार हो रही बारिश के बाद मौसम विभाग अभी भी भारी से अति भारी बारिश की संभावना व्यक्त कर रहा है। ऐसे में खेतों में फसलों को डूबने से बचाने के प्रयासों के बीच कृषि उपज मंडी में आवक में गिरावट तेजी से आ रही है। शुक्रवार की सुबह मंडी के गेट खुले, गाड़ियों को प्रवेश देने के बाद जब उपज की कटाई शुरू हुई तो उसे देखकर मंडी कर्मचारियों का अनुमान सही निकला। यह आवक लगभग 10 हजार बोरा के आस पास आकर अटक गई। यह सारी उपज शेड के नीचे नीलाम हुई।

नदी नालों ने रोकी आवक
बीते 48 घंटों से हो रही अनवरत बारिश के बाद जिले के सभी नदी नाले उफान पर हैं। बड़े पुलों से आवागमन तो जारी है लेकिन गांव से निकलने वाले मार्ग में छोटे-छोटे बरसाती नालों में पुल से ऊपर पानी का बहाव तेज हो चुका है। ऐसे में किसान कृषि उपज बेचने से किनारा करने लगे हैं।

दूरी बढ़ी तो किराया भी बढ़ा
अंतर जिला कारोबार के लिए पहचानी जाने वाली कृषि उपज मंडी में बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर, दुर्ग और बेमेतरा जिला की कृषि उपज पहुंचती है। छोटे पुलों से आवागमन बंद होने के बाद लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है क्योंकि बड़े पुलों से ही रास्ते खुले हुए हैं लेकिन इसके लिए लंबी दूरी तय करने के एवज में किराया भी ज्यादा देना पड़ रहा है।

बढ़ने लगे दाम
धान के लिए पूरे प्रदेश में पहचान बना चुकी कृषि उपज मंडी में शुक्रवार की सुबह लगभग 10 हजार बोरा धान की आवक के बीच भाव में तेजी आने लगी है क्योंकि मांग अपेक्षाकृत ज्यादा है। कमजोर आवक के बीच एचएमटी 22 सौ रुपए, सियाराम 21 सौ से 23 सौ रुपए, विष्णु भोग 38 सौ रुपए से 4 हजार रुपए, सरना 14 सौ रुपए और महामाया में 1550 रुपए क्विंटल पर कारोबार हुए।

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