रायपुर- कोल्ड ड्रिंक्स मार्केट में नया बदलाव। फ्लेवर ड्रिंक्स का सामना पल्प जूस के साथ होने जा रहा है। हर बरस की तरह लस्सी, मट्ठा और फ्लेवर्ड मिल्क तो इस बार भी है लेकिन पहली बार नए और मजबूत खिलाड़ी का सामना खेल को रोचक और दिलचस्प बना सकता है। मुकाबला कठिन होता देख, कोल्ड ड्रिंक्स कंपनियों ने इस बार कीमतों में कहीं कोई वृद्धि नहीं की है।

औसत तापमान 36 डिग्री सेल्सियस की खबर के साथ ही कोल्ड ड्रिंक्स कंपनियों ने अपनी पहुंच बढ़ानी चालू कर दी है। बीते साल ऐन तैयारियों को तब झटका लगा था जब कोरोना ने अपनी ताकत दिखाई और कारोबार में कोल्ड ड्रिंक्स का बाजार पहला निशाना बना। तैयारियों पर पानी फिर गया। करोड़ों का बाजार तेजी से सैकड़ा पर आ गया और ग्राहक के लिए तरसता दिखाई दिया। अब एक बार फिर से जैसे-तैसे करके सीजन की मांग पहुंच चुकी है और उत्पादन भी बाजार में पहुंचने लगा है।

सामना नए खिलाड़ी से
कोल्ड ड्रिंक्स मार्केट में इस बार पेपर बोट जैसे मजबूत खिलाड़ी ने पहुंच बना ली है। आकर्षक टेट्रा पैक में फलों के पल्प जूस की उपलब्धता से कोल्ड ड्रिंक्स को तगड़ा झटका लगने की संभावना जताई जा रही है। वजह यह है कि 10 रुपए जैसी साधारण कीमत के साथ ज्यादा मात्रा में सीधी पहुंच से फ्लेवर्ड ड्रिंक्स की मांग कम हो सकती है। बाजार का शुरुआती रुझान तो फिलहाल यही बता रहा है।

इसलिए भी बदला स्वरूप
कोरोना संक्रमण के दौर में खान-पान की शैली तेजी से बदल चुकी है। सेहत को लेकर बढ़ी जागरूकता ने ऐसी खाद्य और पेय पदार्थों को हर घर तक पहुंचने का मौका दे दिया है जिनसे प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके लिए समय-समय पर जारी हो रहे गाइडलाइन के बाद फलों और आयुर्वेदिक खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ा है। इसका असर कोल्ड ड्रिंक्स पर भी पड़ने लगा। ऐसे में फलों के पल्प से बने जूस की मांग बढ़ चली है।

यह पहले से ही
दही, लस्सी, मठा, फ्लेवर्ड मिल्क, श्रीखंड जैसे परंपरागत खिलाड़ी पहले से ही इस बार भी मैदान में पहुंच चुके हैं। हमेशा की तरह मजबूत टक्कर देने के लिए लोकल कंपनियों के उत्पादन भी बहुत जल्द बाजार में दिखाई देने की तैयारी में है। लिहाजा इस बार कोल्ड ड्रिंक्स मार्केट में नजारा बदला-बदला सा दिखाई दे सकता है क्योंकि पहली बार पेपर बोट फ्रूट जूस कड़ी टक्कर देने के लिए पहुंच चुका है।

कीमत जस की तस
पेशेवर प्रतिद्वंदी के अलावा नए खिलाड़ी की पहुंच बाजार में होने के बाद कोल्ड ड्रिंक्स कंपनियों ने पहली बार कीमत नहीं बढ़ाने का फैसला ले लिया है और बीते साल की ही दर पर उत्पादन की आपूर्ति चालू कर दी है। इसके बाद राजधानी रायपुर, न्यायधानी बिलासपुर, उर्जाधानी कोरबा और रायगढ़ के अलावा दुर्ग और राजनांदगांव में बिक्री के आंकड़ों से जाना जा सकेगा कि बाजी किसके हाथ लगी? क्योंकि यह आधा दर्जन शहर ही सबसे ज्यादा कोल्ड ड्रिंक्स का उपयोग करने वाले शहर हैं।

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