भाटापारा- प्रतिस्पर्धा के बीच हुई खरीदी के बाद अब महामाया धान में हल्की तेजी आने लगी है। खरीदी की जैसी स्थिति बन रही है उसके बाद यह मानकर चला जा रहा है कि यह तेजी आने वाले दिनों में भी बनी रहने की संभावना है। अलबत्ता सरना हमेशा की तरह सुस्त रहा जबकि विष्णुभोग अब तेजी की राह पकड़ता दिखाई देने लगा है।

संतोषजनक आवक के बाद अब कृषि उपज मंडी में धान की कीमतें धीरे धीरे बढ़त लेने लगी है। शुक्रवार को हुई नीलामी में जब महामाया धान की बारी आई तब इसमें हल्की बढ़त देखी गई। यह बढ़त नीलामी के खत्म होने तक बनी रही। दरअसल महामाया की खरीदी करने वाली मिलों में अब प्रतिस्पर्धा देखी जाने लगी है इसलिए इसका सुखद परिणाम तेजी के रूप में दिखाई देने लगा है। जबकि बारीक किस्मों में विष्णुभोग को छोड़कर शेष में सुस्ती का आलम देखा गया।

प्रतिस्पर्धा से बढ़े भाव
शहर की पोहा मिलें संख्या, उत्पादन और गुणवत्ता के लिए अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। उत्पादन और गुणवत्ता बनाए रखने की कोशिशों के बीच मिलों में प्रतिस्पर्धा हमेशा से रही है। यही प्रतिस्पर्धा अच्छी कीमत का रूप लेकर कृषि उपज मंडी पहुंचती है। शुक्रवार को ऐसी ही स्थिति उस वक्त बनी जब महामाया को पखवाड़े भर बाद तेज होता देखा गया। उत्साह के बीच खरीदी से भाव में आने वाले दिनों में भी तेजी बनी रहने की संभावना है।

सरना सुस्त, विष्णुभोग चुस्त
शुक्रवार की आवक के बाद सरना में भाव 1375 रुपए क्विंटल पर खुला और 1400 रुपए पर बंद हुआ। महामाया में लिवाली 1400 रुपए पर शुरू हुई और 1650 रुपए पर बंद हुई। धान की बारीक किस्मों में एचएमटी 1800 से 1900 रुपए क्विंटल के बीच सौदे हुए। जबकि 3400 रुपए क्विंटल की कीमत के साथ विष्णुभोग में मजबूती देखी गई।

बढ़ने लगी आवक
समर्थन मूल्य पर प्रदेश स्तर पर चल रही धान खरीदी के बाद कृषि उपज मंडी में आवक पर पड़ते प्रतिकूल असर के बाद शुक्रवार को लगभग 10000 बोरे की आवक के बाद मंडी प्रांगण में रौनक दिखाई दी। जैसे भाव बने हुए हैं यदि यह आगे और भी बढ़ेगे तो आवक में और इजाफा होने की संभावना है। वैसे मंडी प्रबंधन और मंडी अभिकर्ता मानकर चल रहा है कि आने वाले दिनों में यह आवक और बढ़ सकती है।

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