नई दिल्ली- आईएएस टॉपर प्रदीप सिंह की अपनी कुछ अलग ही कहानी है। एक बातचीत में उन्होंने बताया कि वे बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं। वर्तमान में परिवार रहता है मध्य प्रदेश के इंदौर में। वे बताते है कि जब वे 5 साल के थे तभी परिवार इंदौर में बस गया था। पहले प्रदीप सिंह की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। पिता मनोज पेट्रोल पम्प पर काम करते थे। मां हैं हाउस वाइफ, प्रदीप के भाई निजी कंपनी में काम करते हैं। दादा ने अंतिम इच्छा जताई थी कि उनका पोता आईएएस बने। पहले प्रयास में प्रदीप ने किया था 93वां स्थान हासिल। महज 22 की उम्र में बने आईएएस।

फिलहाल भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में बतौर असिस्टेंट कमिश्नर हैं कार्यरत। एक बार फिर आजमाया भाग्य और बने गये टॉपर। प्रदीप ने इंदौर में स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। प्रदीप तैयारी के लिए दिल्ली आना चाहते थे लेकिन आर्थिक स्थिति बनी बाधक। प्रदीप बताते है कि पिता ने घर बेचकर बेटे को कोचिंग करवायी थी।

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