बलौदाबाजार- नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के अंतर्गत 49 चारागाह जिले में बनाए गए। इन चारागाहों में मवेशियों के चारे के लिए लगभग सवा 3 सौ एकड़ क्षेत्र में चारे की बोआई की गई है। चारे के रूप में नेपियर, मक्का और ज्वार पौष्टिक गुणों से भरा हरा चारा प्रमुख हैं। चारे की बोआई लगभग 15 दिवस हो चुकी है। अधिकांश चारागाहों में फसलें लहलहा रही है।
राज्य सरकार की योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी अंतर्गत जिले में पहले चरण में 92 गौठान एवं दूसरे चरण में 227 गौठान स्वीकृत किये गए। गौठानों के साथ-साथ 167 चारागाह स्वीकृत किये गए है।

जिला पंचायत के सीईओ डाॅ. फरीहा आॅलम सिद्धिकी के निर्देशन एवं डाॅ. सी. के. पाण्डेय उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग के मागदर्शन में कुल 49 चारागाहों में पशु चारों की रोपाई एवं बोवाई की गई है।

कुल 49 चारागाहों के 42.75 एकड़ क्षेत्र में नेपियर और 44.7 एकड़ क्षेत्र में मक्का एवं 42.05 एकड़ क्षेत्र में ज़्वार का रोपण एवं बोवाई की गई है। आने वाले 30 से 45 दिनों में सभी चारागाहों से पशुओं के लिए हरा चारा का उत्पादन प्रारंभ हो जायेगा। जिसका उपयोग गौठान प्रबंधन समिति के माध्यम से गौठान में रखे गये पशुओं के लिए किया जावेंगा। जिससे पशुओं को पौष्टिक हरा चारा प्राप्त होगा एवं पशुओं के दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ प्रजनन क्षमता में वृद्धि होगी एवं उत्पादक वत्सों का जन्म होगा। जिससे ग्रामीणों के आर्थिक स्थिति में बढ़ोतरी होगी, साथ-साथ गोबर उत्पादन से भी आय अर्जित किया जा सकेगा। प्रत्येक गौठान में हरा चारा एवं पैरा को काटने के लिए हस्त एवं विद्युत चलित चाॅफ कटर की व्यवस्था की जा रही है, जिससे चारे एवं पैरे का पूरा उपयोग होगा एवं बरबादी नहीं होगी।