बलौदाबाजार/भाटापारा- अंग्रेजी के वर्णमाला से दो अक्षर को परिवहन विभाग ने प्रतिबंधित कर दिया है। यह दो शब्द “आई” और “ओ” हैं। विभाग ने इसके पीछे के कारणों को भी स्पष्ट किया है जिसके मुताबिक नंबर प्लेट में “आई” शब्द याने “एक” और “ओ” शब्द “शून्य” को इंगित करता है। इसलिए वाहनों के नंबर प्लेट में अंग्रेजी के यह दो वर्ण को जारी करने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है।


प्रतिबंध में इस फैसले को ना तो आश्चर्य से देखा जाना चाहिए ना हैरत जतानी चाहिए। वजह एकदम साफ है कि इन दोनों वर्णमाला से नंबर प्लेट में कई तरह के भ्रम हो सकते हैं जो आगे चलकर दिक्कतें खड़ी कर सकते हैं। हालांकि यह नियम नया नहीं है लेकिन जब से चॉइस नंबर का चलन बढ़ा है तब से दोनों वर्णमाला की भी मांग की जाने लगी है ताकि अपने वाहन को अलग बताया जा सके। इसलिए इस नियम को बेहद कड़ाई के साथ लागू करने के आदेश जारी हो चुके हैं। वैसे भी जिला परिवहन विभाग पहले से ही दोनों शब्दों को जारी करने की मनाही कर चुका है।

सीरीज से बाहर यह दोनों
परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार अंग्रेजी की वर्णमाला से “आई” और “ओ” को नंबर प्लेट के लिए जारी होने वाले सीरीज से बाहर कर दिया गया है। दरअसल यह इसलिए किया गया है कि “आई” शब्द ‘एक’ को इंगित करता है तो “ओ” शब्द ‘शून्य’ को परिभाषित करता है। यदि यह जारी कर दिया जाते तो अंक के साथ मिलकर भ्रम पैदा कर सकते हैं इसलिए इन दोनों को सीरीज से बाहर कर दिया गया है।

ऑक्शन में मिलेंगे चॉइस नंबर
यदि कोई वाहन मालिक अपने नए वाहन के लिए भी एक ही नंबर की मांग करता है तो उसके लिए ऑनलाइन ऑक्शन की व्यवस्था लागू की गई है। आवेदन देने के बाद ऑनलाइन ऑक्शन होने पर जिसकी बोली की दर सबसे अधिक होगी उसे ही यह नंबर जारी किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने 5000 रुपए की बोली की दर तय की है।

समान नंबर के लिए भी ऑक्शन
अपनी वाहनों में नंबर को सबसे अलग दिखाने के लिए शुरू या अंत के दो नंबर एक जैसे रखने की मांग भी आती है। इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने इसे भी ऑक्शन में ले लिया है। ऐसे नंबरों के लिए बोली 50,000 रुपए से शुरू होगी जिसकी बोली सबसे अधिक होगी। उसे ही ऑक्शन नंबर ही जारी होगा।

वीआईपी नंबरों के लिए यह दर
नए नियम के बाद शुरू या अंत के नंबर या चारों नंबर एक समान चाहने वाले वाहन मालिकों को भी आसानी से ऐसे नंबर नहीं मिलेंगे। इसे भी ऑनलाइन ऑक्शन के जरिए ही ज्यादा कीमत देकर हासिल किया जा सकेगा। परिवहन विभाग ने ऐसे नंबरों को वीआईपी ग्रेड में लेकर ऑनलाइन ऑक्शन की दर एक लाख रुपए से शुरू करने का फैसला लिया है। याने इसकी बोली इस निर्धारित शुल्क से अधिक होगी उसे ही ऐसे नंबर मिल पाएंगे।

“अंग्रेजी वर्णमाला का आई और ओ शब्द एक और शून्य को इंगित करता है। इसलिए इन दोनों शब्दों को परिवहन विभाग ने प्रतिबंधित कर दिया हैं। चॉइस या वीआईपी नंबर के लिए ऑनलाइन ऑक्शन में भाग लिया जा सकता है।”
एसएल लकड़ा

जिला परिवहन अधिकारी बलौदाबाजार

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