नई दिल्ली- दिल्ली में कोरोना का कहर इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि एक बार फिर स्कूल 5 अक्टूबर तक के लिए बंद करने पड़ गए। हालांकि स्कूल अभी पूरी तरह खुले भी नहीं थे। यहां जानें, माइल्ड लक्षण दिखने पर कैसे रखें अपना ध्यान-
स्कूल अभी पूरी तरह खुले भी नहीं थे कि कोरोना (Corona virus) के कहर को देखते हुए सरकार की तरफ से एक बार फिर स्कूलों को बंद करने के दिशा-निर्देश आ गए हैं। ताजा जानकारी के अनुसार बच्चों के लिए स्कूल अब 5 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। इन स्थितियों में आपको पता होना चाहिए कि कोरोना वायरस के संक्रमण (Corona Infection) से बचने के तरीके क्या हैं
देखरेख से जुड़ी मूलभूत बातें-

कोरोना संक्रमण के समय में आपको कैसी डायट लेनी चाहिए, अपनी डेली ऐक्टिविटीज के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और इन सबके साथ ही आपको इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि यदि आपके या परिवार के किसी सदस्य के अंदर कोरोना संक्रमण के माइल्ड लक्षण देखने को मिलें तो आपको होम आइसोलेशन के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
कौन लोग कर सकते हैं होम आइसोलेशन?

ऐसा नहीं है कि अगर आपको अपने अंदर कोरोना वायरस के माइल्ड लक्षण समझ आ रहे हैं तो इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप स्वयं ही इस बात का निर्णय कर लें कि आपको होम आइसोलेशन की जरूरत है।
यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री की गाइलाइन्स के अनुसार, होम आइसोलेशन की जरूरत किसी व्यक्ति को है या नहीं इसका निर्णय केवल मेडिकल ऑफिसर द्वारा जांच किए जाने के बाद ही लिया जा सकता है।
ये हैं होम आसोलेशन के नियम-

होम आइसोलेशन पर जाने से पहले पेशंट को मेडिकल ऑफिसर द्वारा दी गई गाइडलाइन्स को अपनाने और पूरी तरह फॉलो करने के लिए एक छोटा-सा फॉर्म भरकर अपनी स्वीकार्यता देनी पड़ती है।
पेशंट की देखरेख के लिए 24 घंटे और 7 दिन यानी हर समय एक केयरटेकर होना चाहिए। इसके साथ ही देखभाल करनेवाला व्यक्ति ट्रीटमेंट कर रहे डॉक्टर या मेडिकल ऑफिसर के नियमित संपर्क में होना चाहिए। ताकि डॉक्टर को पेशंट की सही स्थिति की जानकारी मिले।
देखभाल करनेवाले व्यक्ति को मरीज की सेहत को लगातार मॉनिटर करना होगा। इस दौरान वह पेशंट का बॉडी टेंप्रेचर चेक करना, उसकी ब्रीदिंग प्रॉसेस की समय-समय पर जांच करना। खांसी, फीवर और कोरोना के बढ़ते लक्षणों पर नजर रखना शामिल हैं। पेशंट के मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप जरूर होना चाहिए। साथ ही इस ऐप को ऐक्टिव रखना संक्रमित व्यक्ति के परिजनों की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही पेशंट को खुद अपनी हेल्थ से जुड़ी जानकारी अपने हेल्थ एक्सपर्ट को और डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर को देनी होती है।
घर में होनी चाहिए ये जरूरी चीजें-

सबसे पहले आपको घर में एक ऐसा कमरा चाहिए होगा, जहां आप अपने परिवार के बीच रहते हुए भी परिवार से पूरी तरह अलग रह सकें। ताकि आपके परिवार में किसी और को यह संक्रमण ना हो।
अपनी सेहत से जुडे किन परिवर्तनों पर आपको खास नजर रखनी है, इस बारे में आप अपने डॉक्टर से पूरी जानकारी लें। साथ ही पल्स ऑक्सिमीटर, बीपी चेक करना, शरीर का तापमान चेक करना आदि के बारे में जानें।
होम आइसोलेशन के दौरान आपको अपनी डायट पर भी पूरा ध्यान देना है। ताकि आपके शरीर को पूरा पोषण मिलता रहे। वायरस आपके शरीर पर हावी ना हो पाए और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो सके।