लखनऊ/आगरा- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने ताजनगरी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ताजमहल को रात 11 बजे तक खोलने और शहर में यमुना नदी पर बैराज बनाए जाने की मांग शनिवार को लोकसभा में उठाई। सांसद ने शून्यकाल में कहा कि ताजमहल को एनजीटी और शीर्ष अदालत के मानदंडों के अनुरूप रात्रि 11 बजे तक पर्यटकों के लिए खोला जाना चाहिए। सांसद बघेल ने कहा कि शहर में एक अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाया जाए और यमुना नदी पर बैराज का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि नदी किनारे बसे सभी शहरों में रिवर फ्रंट बनने से ही पर्यटन बढ़ा है और अहमदाबाद में सावरमती, लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट इसके उदाहरण हैं। ऐसा ही आगरा में भी किया जा सकता है। बता दें कि आगरा के पर्यटन उद्यमी भी ताजमहल को रात में खोले जाने की मांग उठाते आ रहे हैं। पर्यटन उद्यमियों का कहना है कि ताज पर एलईडी लाइटिंग कर रात 11 बजे तक खोला जाए, जिससे देश और दुनियाभर के सैलानियों के लिए एक नया आकर्षण बढ़े और लोग ताजमहल को दूधिया रोशनी में देखने के लिए खिंचे चले आएं। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1945 में अमेरिकी फौज के जवानों ने ताज में वीई डे (विक्टरी इन यूरोप) मनाया था, उस दौरान ताजमहल पर फ्लड लाइटों से रोशनी डाली गई थी। आजादी से पहले उत्तर भारत के सर्किल सुपरिटेंडेंट रहे एमएस वत्स ने अपनी रिपोर्ट में ताजमहल पर लाइटिंग के बारे में जानकारी दी है। उनकी रिपोर्ट में ताज पर विश्व युद्ध के दौरान मुख्य गुंबद पर बंधीं बल्लियों की पाड़ और ताज पर अमेरिकी फौज के रोशनी करने की तस्वीरें भी दी गई थीं। 20 से 24 मार्च, 1997 तक ताजमहल के पीछे ग्यारह सिड्डी स्मारक के पास प्रसिद्ध यूनानी संगीतकार यान्नी ने शो किया था, जिसमें वहीं से ताज पर चार दिनों तक रंगबिरंगी फ्लड लाइटों से रोशनी डाली गई थी। उस दौर में ताजमहल पर रंगीन लाइटिंग की तस्वीरों ने दुनियाभर में ऐसा जादू चलाया कि उसके बाद से ताजनगरी में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ती चली गई। यान्नी के शो के दो साल बाद वर्ष 1999 में तब टीवी के प्रसिद्ध शो सारेगामापा के फाइनल को ताजमहल के पीछे स्टेज बनाकर शूट किया गया था। भारतीय पर्यटकों में ताजमहल को लेकर उसके बाद क्रेज नजर आया।

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