क्रांतिसेना ने डॉ. खूबचंद बघेल की जयंती में भाटापारा के पटपर में आयोजित पुरखा के सुरता कार्यक्रम में शामिल हुए।

डॉ. खूबचंद बघेल के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर छत्तीसगढ़ के प्रति उनके योगदान को याद किया।

@अशोक साहू
भाटापारा-
छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम स्वप्नदृष्टा, महान स्वतंत्रता सेनानी डॉ. खूबचंद बघेल की 120 वीं जयंती समारोह रविवार को भाटापारा के पटपर चौक में मनाया जाएगा। प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर अर्जुनीराज के राजप्रधान भुनेश्वर वर्मा, नगर अध्यक्ष लेखराम वर्मा और क्रांतिसेना के सचिव चंद्रकांत यदु भी उपस्थित थे।

राजप्रधान भुनेश्वर वर्मा ने डॉ.बघेल के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे जीवन के अंतिम समय तक कई रचनात्मक कार्यों और किसान-मजदूर हितैषी गतिविधियों से जुड़कर छत्तीसगढ़ की सेवा करते रहे। छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलन को गति देने में उनकी निर्णायक भूमिका रही। डॉ. बघेल ने गांधी जी से प्रभावित होकर शासकीय नौकरी से त्यागपत्र दिया और सक्रिय रूप से स्वाधीनता आंदोलनों से जुडे़। उनके प्रभाव ने सैकड़ों युवाओं को स्वाधीनता संग्राम से जोड़ा।
नगर अध्यक्ष लेखराम वर्मा ने कहा कि वे एक गम्भीर चिंतक और विचारक थे। हिन्दी और छत्तीसगढ़ी में डॉ.बघेल द्वारा जनसरोकार और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लिखे गए नाटकों ने भी जनमानस पर गहरा प्रभाव डाला। छत्तीसगढ़ के लिए उनका योगदान सदा याद किया जाएगा।

इस अवसर पर डॉ रामकुमार वर्मा, हिरदेश करसियाल, गिरधारी लाल वर्मा, नरेंद्र वर्मा, कुंभज वर्मा, केके वर्मा, राधेश्याम वर्मा, सालिकराम वर्मा, दीपक टिकरिहा, जितेंद्र नायक सुरेश वर्मा, छबि राम वर्मा, वीरसिंग वर्मा, रमेश वर्मा, रमेश वर्मा, अरुण वर्मा, गोपाल वर्मा, कृष्णकुमार वर्मा, वीरेंद्र मानसरोवर, सेवाराम वर्मा, राधेशायम वर्मा, यू आर वर्मा, भूपेंद्र सेन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सदस्य सहित बड़ी संख्या में पिछड़ा सामाज के लोग भी उपस्थित रहें।

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