भाटापारा- पूरा एक सीजन गंवा चुके कोल्ड ड्रिंक्स बाजार में चहल-पहल दिखाई देने लगी है। नए माल का पहुंचना भी चालू हो चुका है लेकिन इस बाजार के सबसे बड़े खरीददार के हाथों में लगी बेड़ियां अब तक नहीं खोली जा सकी है। कुल सार यह कि इस बाजार का इंतजार और भी लंबा होता दिखाई दे रहा है।
10 माह के लंबे इंतजार के बाद कोल्ड ड्रिंक्स बाजार में नए उत्पादन अब पहुंच बनाने लगे हैं। इकाइयों में लगा ताला खुलने के बाद दिए गए ऑर्डर से बाजार की रौनक लौटती तो दिखाई देती है लेकिन कोल्ड ड्रिंक्स बाजार को अब भी वह, अपना सबसे बड़ा खरीददार नजर नहीं आ रहा है जिसके दम पर इस बाजार को संजीवनी मिलती रही है। यही सोच कर उत्पादन की मात्रा और कीमत, मांग क्षेत्र को देखकर ही रखे जाने का फैसला लिया गया है।

10 माह बाद आई रौनक
कोरोना काल के दिनों के बीच कोल्ड ड्रिंक्स यूनिटों में लगा ताला 10 माह बाद खुलते ही कारोबार ने पहले बाजार की स्थिति जानी, जांची, परखी और यह पाया कि कीमतें बढ़ाने का फैसला घातक हो सकता है इसलिए पुरानी कीमतों पर ही नए उत्पादन की पहुंच बाजार में हो चुकी है। हालांकि मौसम फिलहाल तो साथ नहीं दे रहा लेकिन फरवरी के पहले सप्ताह से उम्मीद बनती दिखाई दे रही है।

संकट में संकट मोचक
कोल्ड ड्रिंक्स बाजार के लिए स्टेशन के फूड काउंटर, टी-स्टॉल और कोल्ड ड्रिंक्स काउंटर हमेशा से संकट मोचक बनते रहे हैं। एकमात्र यही ऐसा क्षेत्र है जिसका साथ, कमजोर मांग और ऑफ-सीजन के दिनों में भी मिलता रहा है लेकिन यह संकट मोचक फिलहाल तो खुद संकट में घिरा हुआ है क्योंकि यात्री ट्रेनों का परिचालन सामान्य नहीं हो पाया है इसकी वजह से काउंटरों में ताले लगे हुए हैं।

करोड़ नहीं, हजार भी नहीं
ब्रांडेड और लोकल लेबल पर कोल्ड ड्रिंक्स बनाने और बेचने वाली इकाइयों का प्रदेश में एक माह का कारोबार लगभग 1 करोड़ रुपए का माना जाता है लेकिन बीते मार्च में ठीक सीजन के समय कोरोना की धमक से यह बाजार पूरी तरह ध्वस्त हो गया। अब, जब यूनिटें उत्पादन करने लगी हैं ऐसे में चल रहे बाजार को वर्तमान स्थिति अच्छी उम्मीद नहीं बंधा रही है क्योंकि सीजन की दस्तक के बाद बाजार अभी तक हजार के आंकड़े से भी दूर है।