भाटापारा- हर काम में अव्वल रहने वाला यह शहर लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन के मामले में भी अव्वल आ चुका है। बीते 2 दिन में हुई जांच और छापे में मिले प्रकरण और अर्थदंड के आंकड़े इस बात को प्रमाणित करने के लिए काफी है। तीसरे दिन शहर के कारोबार ने करवट बदली और दूसरे रास्ते खोज लिए। कुछ जगहों पर घर पहुंच सेवा दी जाने लगी है तो कुछ एक ने पिछले दरवाजे से कारोबार की शुरुआत कर दी है।
लॉकडाउन के बीते दो दिनों में नियमों के उल्लंघन के जितने मामले सामने आए और अर्थदंड की राशि ली गई उसके बाद यह बात आईने की तरह साफ हो गई है कि अपना शहर नियम कायदों की परवाह नहीं करता। प्रथम दिवस का आंकड़ा जो 5 का था वह द्वितीय दिवस थोक में 147 पर जा पहुंचा। याने जांच या छापा कोई भी कार्रवाई हतोत्साहित नहीं करती ना ही नियमों के पालन का सीख देती है। बढ़ावा देती है कि जितनी बरतेंगे कड़ाई उतनी दिखाएंगे ढिठाई। कम से कम जांच की संख्या और अर्थदंड की राशि यही साबित करती है कि भाटापारा शहर नियमों को तोड़ने के मामलों में भी अव्वल है।

उल्लंघन का बनाया रिकॉर्ड
लॉकडाउन के प्रथम और द्वितीय दिवस पूरे जिले में सबसे ज्यादा 147 प्रकरण भाटापारा शहर में ही बनाया गया । अर्थदंड की राशि में भी यह शहर अव्वल रहा। यानि 1 लाख 37 हजार रुपए कारोबारियों ने पटाए। लॉक डाउन का उल्लंघन करने के मामले में सिमगा दूसरे नंबर पर रहा जहां 119 प्रकरणों में 9600 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई। 118 प्रकरण के साथ कसडोल तीसरे नंबर पर रहा। यहां 13 हजार 7 सौ रुपए अर्थदंड के रूप में वसूले गए। बलोदा बाजार 59 प्रकरण के साथ चौथे नंबर पर हैं जिसने 28 हजार 300 रुपए अर्थदंड के रूप में पटाया। पलारी अपेक्षाकृत काफी शांत रहा। यहां 35 प्रकरण बने जिसमें 11 हजार एक सौ रुपए अर्थदंड की राशि वसूली गई।

जितनी कड़ाई उतनी ढिठाई
स्वस्थ जीवन के लिए मास्क जरूरी है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार अलर्ट कर रहा है। मोबाइल पर लगातार मैसेज भी हर कॉल पर मिल रहे हैं लेकिन शायद यह केवल सुनने के लिए है तभी तो मास्क नहीं पहन कर घर से बाहर निकलने वाले भी सबसे ज्यादा भाटापारा में ही मिले। इसमें अर्थदंड भी जमा करवाया लेकिन तीसरे दिन यानी शुक्रवार को भी ऐसे नजारे आम रहे मतलब हर तीसरा व्यक्ति मास्क के बिना नजर आया।

अब पिछले दरवाजे से
सबक सिर्फ यही लिया गया है कि इस तरह की कार्रवाई से बचने के लिए दूसरे रास्ते तलाशे जा चुके हैं। यह पिछले दरवाजे से कारोबार के रूप में सामने आ रहा है तो कहीं पर घर पहुंच सेवा दी जाने लगी है। याने हर कड़ाई का विकल्प है। किसी एक खास वस्तु का नाम नहीं लिया जा सकता यह हर वस्तु के कारोबार में समान रूप से देखने में आने लगा है।
“कोरोना संक्रमण के फैलाव के बढ़ते आकड़ो के बाद भी भाटापारा ब्लॉक क्षेत्र में इसे लेकर लगातार लापरवाही बरती जा रही हैं। इसकी यही वजह है कि यहां कार्यवाही के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।”
एम एस राजपूत
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व
भाटापारा