बिलासपुर- आपदा को अवसर बनाईए। कोरोना काल में यह वाक्य खूब बोले और सुने जा रहे हैं, अमल किए जा रहे हैं लेकिन रेलवे इस वाक्य पर पूरी गंभीरता के साथ अमल कर रहा है। टिकट किराया बढ़ाकर, रिजर्वेशन पर यात्रा की शर्त रख कर, जनरल कोच की सीटों को भी रिजर्वेशन पर दे कर आपदा को ना केवल अवसर बना रहा है बल्कि कमाई भी खूब की जा रही है।
रोजी-रोटी के लिए नौकरी का बचाया जाना जरूरी है। अर्थ संकट का सामना कर रहे रेल यात्रियों को अब यह सुविधा बेहद नुकसान पहुंचा रही है। बेहद मजबूरी में ली जा रही इस सुविधा की एवज में जो पैसे लिए जा रहे हैं उसके बाद अब यह वर्ग हताश हो चुका है क्योंकि उसे व्यवस्था का साथ नहीं मिल रहा है। जिस तरह यात्रियों से दूरी बनाई गई है उससे अब सिर्फ यही शब्द सुनने को मिल रहे हैं कि मासिक पास की सुविधा आखिर कब दी जाएगी?
सिर्फ एक उदाहरण
जोन से चलने वाली एक एक्सप्रेस ट्रेन- बिलासपुर-अमृतसर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस। जिसे 08237 नंबर से पहचान मिली हुई है। स्लीपर और एसी-1, एसी-2 और एसी-3 कोच के साथ 206 बर्थ की उपलब्धता वाली यह ट्रेन अपने टिकट किराया को लेकर इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में है। कोरोना काल के पहले तक मुश्किल से सीटें देने वाली यह ट्रेन अब भी पुरानी स्थिति में ही चल रही है। याने सीट आसानी से उपलब्ध नहीं होगी। यदि मिल गई तो जो किराया तय किया गया है वह पसीने छुड़ा देने वाला है। जनरल से लेकर एसी-1 तक का जो किराया तय किया गया है, वह हैरत की सभी सीमा को लांघ चुका है।
ऐसे समझें छत्तीसगढ़ को
206 बर्थ के साथ चलने वाली बिलासपुर-अमृतसर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को इसलिए उदाहरण के तौर पर लिया जा रहा है क्योंकि पूरी बर्थ पैक हो जाने के बाद बिलासपुर से हजरत निजामुद्दीन तक की यात्रा करने पर इस ट्रेन के जरिए पहुंचती थी कुल रकम 12 लाख 23 हजार 660 रूपए। केवल एक तरफ की यात्रा की सुविधा देने के एवज में यात्रा करने पर अब रेलवे के पास पहुंच सकते हैं 15 लाख 18 हजार 760 रुपए। अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह ट्रेन पूरी तरह पैक होने पर एक तरफ की यात्रा की सुविधा देने की एवज में अतिरिक्त आय के रूप में 2 लाख 95 हजार 60 रुपए ले सकती है।
ये अतिरिक्त लाभ
किराया को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में चल रही छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को लंबी दूरी के रिजर्वेशन पर तो लाभ हो ही रहा है इसके अलावा अतिरिक्त लाभ के रूप में बिलासपुर से भाटापारा, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव के साथ आगे के स्टेशनों के बीच की जाने वाली छोटी दूरी की यात्रा से जो किराया मिलेगा उसे अतिरिक्त लाभ के रूप में रखा जा सकता है क्योंकि जनरल क्लास की सीटें तक भी रिजर्वेशन की शर्त पर ही उपलब्ध होंगी।