बिलासपुर- गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक, दिग्गज आदिवासी नेता और पूर्व विधायक हीरासिंह मरकाम (78 वर्ष) का आज बिलासपुर स्थित वंदना मल्टीस्पेशिलिटी हास्पिटल में निधन हो गया। वे कुछ समय से अस्वस्थ थे और गहन उपचार के लिये उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने 1990 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठन किया। राजनेता होने के साथ ही उन्होंने गोंड संस्कृति और सभ्यता को लेकर आंदोलन चलाया। हीरासिंह मरकाम जन्म 14 जनवरी 1942 को अविभाजित बिलासपुर जिले अब कोरबा जिला के तिवरता गांव के एक खेतिहर मजदूर किसान के यहांँ हुआ था। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पहला चुनाव तानाखार विधानसभा क्षेत्र से लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। दूसरा चुनाव वर्ष 1985-86 में भाजपा के टिकट से लड़े और पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा में पहुंँचे थे। वर्ष 1990 के लोकसभा चुनाव में तब पार्टी का विरोध किया जब पार्टी ने उनकी बात अनसुनी कर स्थानीय के बदले बाहरी व्यक्ति को अपना उम्मीदवार बनाया था। फिर उन्होंने बागी प्रत्याशी के रूप में वर्ष 1990-91 में जांँजगीर-चाँपा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी बनायी। गोंगपा सुप्रीमो के निधन की खबर से उनके समर्थकों सहित आदिवासी वर्ग में शोक की लहर दौड़ पड़ी।

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