नई दिल्ली- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा (93 वर्ष) का आज निधन हो गया। खराब सेहत की वजह से उन्हें कल रात एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। कल ही उन्होंने अपना जन्मदिन मनाया था। वे बीते कुछ समय से बीमार चल रहे थे। मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले मोतीलाल वोरा ने अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी सम्हाली थी। वे लंबे समय तक कांग्रेस कोषाध्यक्ष रहे मोतीलाल वोरा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रह चुके रह चुके हैं। वर्ष 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में उन्हें उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया। 1988 में उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र दे दिया था। मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को नागौर, जिला राजस्थान में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहनलाल वोरा और मांँ का नाम अंबा बाई था। उनका विवाह शांति देवी वोरा से हुआ था। उनके चार बेटियांँ और दो बेटे हैं। उनके बेटे अरुण वोरा दुर्ग से विधायक हैं और वे तीन बार विधायक के रूप में चुनाव जीत चुके हैं। मोतीलाल वोरा ने कई वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करते हुये कई समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व किया। मोतीलाल वोरा 1968 में राजनीति के क्षेत्र में उभरकर सामने आये। इसके बाद उन्होंने 1970 में मध्यप्रदेश विधानसभा से चुनाव जीता और मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष नियुक्त किये गये। वे 1977 और 1980 में दोबारा विधानसभा में चुने गये और उन्हे 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में उन्हें उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया। मोतीलाल वोरा 1983 में कैबिनेट मंत्री बने। इसके बाद में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त हुये। 13 फरवरी 1985 में श्री मोतीलाल वोरा को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया और 13 फरवरी 1988 को उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र देकर 14 फरवरी 1988 में केंद्र के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला। अप्रैल 1988 में मोतीलाल वोरा मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिये चुने गये और श्री मोतीलाल वोरा ने 26 मई 1993 से 03 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर आसीन रहे। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड, यंग इंडियन और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में शामिल तीनों संस्थाओं में उनका महत्वपूर्ण स्थान है। मोतीलाल वोरा 22 मार्च 2002 को एजेएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बने। उन्होंने इससे पहले भी एआईसीसी कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here