हैरत में डालने वाला हासिल होगा उत्पादन

रायपुर। सीजी लाल भाजी-1। एक एकड़ में 140 क्विंटल। सीजी चौलाई-1। एक एकड़ में 150 क्विंटल। हैरत में डालने वाली यह सफलता हासिल की है इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के उद्यानिकी वैज्ञानिकों ने जिन्होंने इस पर लगातार कड़ी मेहनत की। अब इसके बीज छत्तीसगढ़ के लिए जारी करने की अनुमति मिल गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी में जगह दिए जाने की भी अनुमति मिल गई है।
राज्य में भाजी का महत्व जाना पहचाना है। इसमें लाल भाजी और चौलाई भाजी को तो प्रमुखता से जगह मिलती रही है। अपने महत्वपूर्ण गुण और स्वाद की वजह से इसका सेवन नहीं करने वाले शायद ही मिल पाएंगे। बढ़ी स्वीकार्यता और हर सब्जी बाड़ी में इसके लिए कुछ ज्यादा ही जगह मिलती रही है लेकिन अनुसंधान के बाद जो नई प्रजाति तैयार की गई है उसके सामने आने के बाद इसे और ज्यादा जगह मिलेगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण नरवा, गरुवा, घुरुवा और बारी में भी जगह दिए जाने की अनुमति मिल चुकी है। ऐसे में अब यह और भी ज्यादा फैलाव में दिखाई देगी क्योंकि अनुसंधान में ना सिर्फ फसल तैयार होने की अवधि कम करने में ही नहीं बल्कि उत्पादन क्षमता बढ़ाने में भी सफलता मिली है।

सीजी लाल भाजी-1 का रिकॉर्ड उत्पादन
नई सीजी लाल भाजी-1 और सीजी चौलाई-1 की परिपक्वता अवधि में 15 से 20 दिन कम करने में सफलता मिली है। जो नहीं सीजी लाल भाजी-1 तैयार की गई है उसे अब तक की उपलब्धि प्रजाति में सबसे ज्यादा उत्पादन देने वाली लाल भाजी मानी गई है। एकल कटाई वाली नई लाल भाजी सफेद ब्रिस्टल जैसी बीमारी को मात देने में सक्षम है। उपलब्ध अरुणिमा जैसी प्रजाति से 43% ज्यादा उत्पादन देगी। प्रति एकड़ 140 क्विंटल उत्पादन देने वाली इस प्रजाति की लाल भाजी तेजी से बढ़ती है। तना और पत्तियां गहरे लाल रंग की है।

सीजी चौलाई भाजी-1
चौलाई भाजी की अब तक उपलब्ध सभी पर सभी लोकप्रिय प्रजाति पर भारी पढ़ने जा रही है सीजी चौलाई भाजी-1। अरका अरुणिमा की तुलना में 56% और अरका सगुना की तुलना में 21% ज्यादा उत्पादन देने वाली 150 क्विंटल प्रति एकड़ फसल का उत्पादन देगी। एकल कटाई वाली प्रजाति होने की वजह से खरपतवार से पूरी तरह मुक्त होगी। अंतर्वर्तीय फसल के लिए इस प्रजाति को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि अब तक उपलब्ध प्रजातियों में से यह 20 दिन पहले तैयार होगी याने महज 25 दिन में फसल काटी जा सकेगी।

बीज जारी करने की मिली अनुमति

छत्तीसगढ़ राज्य बीज उपसमिति ने अपनी पिछली बैठक में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जैव विविधता के संकलन और संकलन और उन्नतिकरण के माध्यम से तैयार की गई सी जी लाल भाजी-1 और सी जी चौलाई भाजी-1 की रिपोर्ट को देखते हुए नई प्रजाति के बीज छत्तीसगढ़ राज्य के लिए जारी करने की अनुमति दे दी है। साथ ही यह भी कहा गया है कि इस नए बीज को राज्य सरकार के महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा और बारी के लिए भी जारी किए जाएं ताकि किसान यहां भी इसकी फसल इसकी फसल लेकर अपनी आय बढ़ा सकें।

“सीजी लाल भाजी-1 और सीजी चौलाई भाजी-1 रिकॉर्ड उत्पादन देने वाली प्रजाति है। महत्वपूर्ण यह है कि उत्पादन अवधि को कम करने में जो सफलता मिली है उससे सब्जी उत्पादक किसानों को पहले से ज्यादा लाभ मिलेगा। बीज उपसमिति से अनुमति मिल चुकी है। इसके बीज बहुत जल्द किसानों तक पहुंचेंगे।”
डॉ प्रवीण शर्मा,
साइंटिस्ट हॉर्टिकल्चर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर

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