बिलासपुर- बावची। एक ऐसा पौधा जो पूरे देश में कंकरीली भूमि और खरपतवार जैसी झाड़ियों के बीच निकलता है। उम्र होती है सिर्फ 1 साल। ऊंचाई 30 से 120 सेंटीमीटर। फलों की लंबाई 1 से 3 इंच। बगल से निकल रही मंजरी पर 10 से 30 की संख्या से लगते फूल जो शीतकाल में लगते हैं और ग्रीष्म काल में फलों में बदल जाते हैं। इन्ही फलों में मसूर के दाने जैसा बीज लगता है और देता है, 12 ऐसी बीमारियों से छुटकारा दिलाने का वायदा, जिसके मरीज लगभग हर घर में मिलते हैं।
निरंतर चलने वाले अनुसंधान में बावची के बीज में ऐसे-ऐसे तत्वों के होने की जानकारी सामने आई है जिसे जानने के बाद अब वन औषधियां बनाने वाली इकाइयां 12 ऐसी बीमारियों से निजात दिलाने वाली औषधि बना रही हैं जिन्हें असाध्य माना जाता रहा है। यही वजह है कि बावची के बीज की मांग और कीमत दोनों एक साथ बढ़ रही है। छह महत्वपूर्ण तत्वों के होने की जानकारी सामने आने के बाद तो इसका औषधीय महत्व लगातार बढ़त ले रहा है।

क्या है बावची में
अनुसंधान के बाद बावची के बीज में उड़नशील और स्थिर तेल के तत्व होने की जानकारी तो मिली ही है साथ ही इसमें रेजील व क्रिस्टलाइन सत्व के होने का भी खुलासा हुआ है। छिलके में
सोरोलिडिन तत्व भी मिला है। इन्हीं की वजह से बावची को असाध्य रोग को नियंत्रित करने के साथ खत्म करने में भी सहायक माना गया है।

यह बीमारी होंगी काबू में
जिन महत्वपूर्ण औषधीय तत्व के होने की जानकारी आई है उसके बाद बावची को बिष्टनाशक, पेट साफ करने और दिल के लिए बेहद लाभदायक माना गया है। इसके अलावा चिकित्सकीय परामर्श के बाद मानक मात्रा में सेवन से रक्तविकार, दमा, कुष्ठरोग, बुखार और पेट की कृमि को भी खत्म किया जा सकता है। इसके अलावा बावची में पीलिया जैसी बीमारी को समूल खत्म करने में बेहद मददगार माना गया है।

इनमें भी मददगार
बावची के सेवन से भूख तो बढ़ती ही है इसके अलावा सफेद दाग, कफ से आई बीमारी भी दूर की जा सकती है। दांत में कीड़े लगने पर पौधे की जड़ को पीसकर लगाने से आराम मिलता है तो बीज का पाउडर बनाकर अदरक के रस के साथ सेवन करने से दमा खत्म किया जा सकता है। 1 ग्राम बावची के बीज के साथ 2 ग्राम हर्रा और 2 ग्राम सोंठ पीसकर आधा चम्मच सुबह-शाम सेवन से बवासीर जैसी बीमारी दूर की जा सकती है।

बिंदिया का सफेद दाग दूर
चिकित्सकीय परामर्श के बाद बावची के कुछ बीज को पीसकर पेस्ट बनाया जा सकता है और इस पेस्ट को नियमित रूप से बिंदिया के धब्बे से हो रहा सफेद दाग पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। लंबे समय तक उपयोग करने के लिए दही और सौफ के मिश्रण के साथ इसे रखा जाए तो इसका दोष पूरी तरह दूर किया जा सकता है। पाउडर बनाकर सेवन से खांसी की दिक्कत दूर की जा सकती है।
“बावची के बीज में जिन औषधीय तत्वों की मौजूदगी की जानकारी मिली है, उनकी मदद से 12 बीमारियां दूर की जा सकती हैं लेकिन सेवन के पहले चिकित्सकीय परामर्श का लिया जाना बेहद अनिवार्य है।”
डॉ. अजीत विलियम्स
साइंटिस्ट, फॉरेस्ट्री, टीसीबी कॉलेज ऑफ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर