बलौदाबाजार/भाटापारा– कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण बीते पांच महीने से जिला न्यायालय के साथ ही अधीनस्थ न्यायालयों में तालाबंदी की स्थिति है। अब जाकर उन्हें खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के महापंजीयक ने प्रदेशभर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को पत्र लिखकर न्यायालय के संचालन के संबंध में सुझाव मांगे हैं। जिला एवं सत्र न्यायाधीशों ने उनके पत्र का हवाला देते हुए जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष व पदाधिकारियों को पत्र लिखकर सुझाव मांगे हैं।
महापंजीयक ने अपने पत्र में कहा है कि प्रदेश के जिला एवं सत्र न्यायालयों के अलावा सभी अधीनस्थ न्यायालयों को चरणबद्घ ढंग से खोलने और सामान्य कामकाज के लिए दिशा निर्देशों के साथ ही मापदंडों के निर्धारण का मामला उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है।इसके लिए सभी से रायशुमारी आवश्यक है। लिहाजा जिला अधिवक्ता संघ से विचार विमर्श करने के साथ ही उनका सुझाव भी मांगें है। महापंजीयक ने जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को निर्देशित किया है जिला अधिवक्ता संघ के सुझाव के साथ ही अपनी टिप्पणी ईमेल के जरिए जानकारी महापंजीयक कार्यालय को प्रेषित करें।
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण सर्वोच्च न्यायालय की एडवाइजरी का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय के महापंजीयक ने एक आदेश जारी कर 23 मार्च से जिला एवं सत्र न्यायालयों के अलावा प्रदेश के अधीनस्थ न्यायालयों में कामकाज पर रोक लगा दिया है। तब से अब तक न्यायालयों में कामकाज बंद है। इसके चलते वकीलों व पक्षकारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के महापंजीयक के पत्र का हवाला देते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जिला बार अधिवक्ता संघ से सुझाव मांगे हैं। अधीनस्थ न्यायालयों में कामकाज शुरू करना अति आवश्यक है। वकीलों के अलावा पक्षकार भी परेशान हैं। वकीलों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति निर्मित होने लगी है।