बिलासपुर- लाल 4800 रुपए और सफेद 2800 रुपए क्विंटल। यह कीमत उस प्याज की है जिसकी गर्मी से रसोई गर्म होने लगी है। निर्यात के रास्ते खोल देने और बेमौसम बारिश के बाद आई यह तेजी, नई फसल के आने तक बनी रहने की पूरी आशंका है।

बीते 1 सप्ताह से प्याज में आ रही लगातार तेजी के बाद होलसेल से लेकर रिटेल मार्केट और उपभोक्ताओं ने जरूरत की मात्रा का कम करना चालू कर दिया है। जैसी तेजी उत्पादक क्षेत्र से लेकर खुदरा बाजार तक आ रही है उसके बाद उपभोक्ता मांग और भी ज्यादा घटने की प्रबल आशंका बन चुकी है।

गर्म है लासलगांव
प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की लासलगांव प्याज मंडी से देश के सभी राज्यों की मांग पूरी होती है। इस समय यह मंडी देशभर की नजर में है क्योंकि पहुंच रही फसल की सबसे ज्यादा खरीदी, निर्यातक कर रहे हैं। ऊंची कीमत और ज्यादा मात्रा में खरीदी के बाद देश के उपभोक्ता राज्यों की मांग को तगड़ा झटका लग रहा है।

बारिश ने भी रुलाया
नासिक और लासलगांव के अलावा महाराष्ट्र के लगभग हर क्षेत्र में प्याज की व्यावसायिक खेती होती है। अच्छी आय की उम्मीद में जैसी मेहनत की गई थी उस पर बेमौसम हो रही बारिश ने जमकर चपत लगा दी है। क्वालिटी खराब होने की आशंका के बीच जैसी फसल पहुंच रही है उसे देखते हुए शॉर्टेज और कीमत दोनों के बढ़ने की पूरी संभावना है।

ऐसी है कीमत
निर्यात और बारिश के बीच जो फसल पहुंच रही है उसमें तेजी के बाद लाल प्याज 4800 और सफेद प्याज 2800 रुपए क्विंटल पर पहुंच गया है जबकि मांग का दबाव बढ़ते ही लहसुन 3000 से 7500 रुपए क्विंटल की नई ऊंचाई को छूता हुआ नजर आ रहा है। आलू पहाड़ी में आवक पूरी तरह बंद है तो आलू गोल 800 से 850 रुपए क्विंटल पर बिकने की खबर है।

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