भाटापारा- आलू और प्याज की कीमतों में एक बार फिर से तेजी के संकेत मिल रहे हैं। आलू उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश और प्याज उत्पादक महाराष्ट्र में तैयार फसल को बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है। इससे यह तेजी आगे भी बरकरार रहने की प्रबल आशंका है। इसके उलट लहसुन अब भी सिर चढ़कर बोल रहा है।

प्याज और आलू की कीमतें लगातार बढ़त ले रही हैं। दूसरी सब्जियों की कीमतें बढ़ने के बाद इस समय इन दोनों में ही सबसे ज्यादा मांग का दबाव बन चुका है। सब्जियों में अब इन्हीं दोनों की खरीदी किए जाने के बाद दोनों उत्पादक राज्य से आ रही इन दोनों सामग्रियों की कीमतें जिस तरह उछाल ले रही है उसके बाद अब उपभोक्ता इसकी भी खरीदी की मात्रा धीरे-धीरे घटाने लगा है। बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्र अब भी मांग का दबाव बनाए हुए हैं। फलस्वरूप खरीदी में भी निरंतरता जारी है।

इसलिए आ रही तेजी
अगस्त के अंतिम पखवाड़े में आलू प्याज के 2 सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में बारिश रुक-रुक कर होती रही। इस बारिश में तैयार फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। नई फसल जो निकाली गई उसकी गुणवत्ता भी खराब हो चुकी थी। इसलिए कोल्ड स्टोर का माल बाजार में जारी किया गया लेकिन इसकी मात्रा इतनी कम थी कि तंगी जैसी स्थिति आने लगी लेकिन समय रहते सप्लाई लाइन मजबूत कर ली गई तब तक नई फसल आ चुकी थी।

देशभर में मांग
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के आलू और प्याज उत्पादक किसान ही पूरी देश की मांग पूरी करते हैं। जैसी स्थितियां बनी हुई है उसके बाद यह दोनों राज्य पूरे देश से उठी मांग के बाद दबाव में आ चुके हैं क्योंकि सब्जी बाड़ियो में लगी फसल बारिश की भेंट चढ़ चुकी है। ऐसे में सब्जी का पूरा दबाव आलू प्याज पर ही पड़ रहा है। जैसे संकेत मिल रहे हैं उसे देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि दूसरी फसल के आते तक दबाव और तेजी बने रहने के के पूरे आसार हैं।

थोक में इस भाव पर
प्रदेश के आधे हिस्से को आलू प्याज और लहसुन की सप्लाई बिलासपुर से होती है। शहर में भी इसकी सप्लाई इसी शहर से हो रही है। इस शहर में आलू 3400 से 3500 रुपए क्विंटल की दर पर बेची जा रही है तो प्याज में यह भाव 2700 से 2800 रुपए पर बोला जा रहा है। लहसुन में भाव बेहद तेज है। यह 90 से 125 रुपए किलो की दर पर दुकानों तक पहुंच रहा है।

चिल्लर में है ऐसी कीमत
परिवहन व्यय, मजदूरी और दीगर खर्चा को जोड़ने के बाद शहर में 40 से 50 रुपए किलो की दर पर बिक रहा है तो प्याज 40 से 45 रुपए किलो की दर पर बेचे जा रहे हैं। लहसुन 100 से 125 रुपए किलो पर बिक रहे हैं। आउटर एरिया में दूरी के हिसाब से कीमत तय किए जाने से इन तीनों में भी भाव हरी सब्जियों की तरफ बढ़ने लगे हैं। इसके बाद भी सब्जी खरीदी में इसे ही प्राथमिकता मिल रही है इसलिए थोक बाजार भविष्य में तेजी की आशंका जता रहा है।