रायपुर- 72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पोक्सो एक्ट के संदर्भ में छत्तीसगढ़ के अनेक जिले में जागरूकता अभियान के सृजात्मकता पहल हेतु वरिष्ठ शोधार्थी व बाल अधिकार कार्यकर्ता दीना नाथ यादव को उत्कृष्ट बाल अधिकार सामाजिक कार्यकर्ता होने का गौरव प्रदान किया। श्री यादव पिछले 5 सालों से बाल अधिकार संरक्षण के लिए कार्य कर रहे है इस क्रम में इन्होंने बाल अधिकार आयोग की विशेष सहयोग से छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में सृजनात्मक पहल किए हैं इस संदर्भ में इन्होंने बताया कि बाल लैंगिक शोषण बाल श्रम या अन्य दुर्व्यवहार के विरुद्ध बच्चे आत्मनिर्भर होकर कार्रवाई कर सकते है इसके लिए स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन अति आवश्यक है और उसके क्रियान्वयन के लिए दीनानाथ यादव ने एक व्यवस्थित मॉडल दिया है वही धार्मिक समितियों और औद्योगिक संगठनों को आह्वान करते हुए व्यवस्थित मॉडल के माध्यम से बाल हितेषी नियोजन के लिए प्रोत्साहित किया है जिससे राज्य में बाल हितैषी नियोजन व उनके क्रियान्वयन को प्रभावी रूप से जमीनी स्तर पर लाया जा सके। दीना नाथ जी वर्तमान में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में समाजकार्य पीएचडी शोधार्थी है तथा इनके शोध मार्गदर्शक एसोसिएट प्रोफसर डॉ अमित कुमार राय हैं। इन्होंने छत्तीसगढ़ ही नहीं गुजरात उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश बिहार केरल दिल्ली राजस्थान व हरियाणा जैसे राज्यों में शोध कार्य के माध्यम से बाल संरक्षण के मुद्दों को विमर्श में लाने की कोशिश की है। बतौर वक्ता व विषय विशेषज्ञ के रूप में बाल अधिकार एवम संरक्षण हेतु नवीन कानूनों का विश्लेषण द्वारा प्रभावी नियोजन के लिए नए नए मॉडल को भी इजात करते रहते है। इस क्रम में जिला प्रशासन रायपुर के सहयोग से दो विद्यालयो में बाल संरक्षण समिति की संरचना बनाकर स्कूल स्तर पर क्रियान्वयन भी किया जो कि एक शोधार्थी के रूप में उत्कृष्ट हस्तक्षेपी प्रयोजन है। इस विशिष्ट कार्य हेतु गणतंत्र दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य बल अधिकार आयोग उनके कार्यों को सराहना करते हुए उत्कृष्ट बाल अधिकार सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सम्मानित कर रही है इसके पूर्व भी भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद (ICSSR) व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) दोनों राष्ट्रीय संस्थाओं ने फ़ेलोशिप के रूप भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा उत्कृष्ट संस्था के रूप में सम्मानित 2021 निशक्तजन कल्याण सेवा समिति पामगढ़, छत्तीसगढ़ के द्वारा दिव्यांग बच्चों के कल्याण हेतु नियोजन (महात्मा गांधी जी की बुनियादी तालिम प्रेरित) पश्चात विशेष पहल करने के कारण उत्कृष्ट बाल अधिकार सामाजिक कार्यकर्ता के रूप सम्मान प्राप्त हो चुका है। इस प्रकार दीना नाथ यादव को बाल अधिकार के क्षेत्र में 4 राष्ट्रीय 5 राजकीय व संस्थानिक सम्मान प्राप्त हो चुके हैंl जो उन्हें कुशल सृजनात्मकता बाल अधिकार कार्यकर्ता के रूप में पहचान दिला रही है।

इनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव मे हुई। पत्रकारिता में स्नातक की पढाई के लिए जब ये गुरुघासी दास विश्वविद्यालय बिलासपुर आए तो इन्हें कई कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा, विश्वविद्यालय में ही इनकी भाषा व वेशभूषा को देख कर इन्हें गाँव वाला कह कर लोग नजरअंदाज कर देते थे। धीरे धीरे इन्होंने कड़ी मेहनत से सबको जवाब दिया। मास्टर ऑफ सोशल वर्क की पढ़ाई करने के लिए ये महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा गए वहाँ से बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में ही अपना अनुसंधान कार्य शुरू किया और एम. ए में गोल्ड मेडल भी हासिल की साथ ही एमफिल की भी डिग्री ली। पढाई के साथ-साथ सामाजिक रूप से बुराइयो और कुरीतियों के लिए इन्होंने आवाज उठाई-जैसे ‘युवा बनाम नशा’ के बैनर तले युवाओं में नशे के खिलाफ अभियान चलाई, साथ ही ग्रामीण रूढ़िवादियों को भी खत्म करने का प्रयास किया। इन सब कार्यो के लिए इन्हें 2018 में इन्हें छत्तीसगढ़ जन चेतना सम्मान से सम्मानित भी किया गया। अभी हाल ही में दीनानाथ यूजीसी द्वारा नेशनल फ़ॉलोशिप फ़ॉर ओबीसी के लिए भी चयनित किए गए। शोध क्षेत्र में अब तक इनके 30 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाए भी प्रकाशित की जा चुकी है। इस प्रकार प्रतिभा के धनी दीनानाथ यादव ने छोटे से गाँव से निकल कर अपने कार्यो से पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश का नाम रौशन किया है।
