रिकॉर्ड 20 हजार बोरा धान की आवक का अनुमान

नफा और नुकसान को लेकर चर्चा का बाजार हुआ गर्म

@अशोक साहू

भाटापारा- खेती किसानी के बढ़ते काम और बढ़ती जरूरतों को पूरा करने की कोशिश में लगे किसानों ने बुधवार की सुबह अचानक आवक बढ़ा दी। मोटा और बारीक धान मिलाकर करीब 20 हजार बोरा धान की आवक का अनुमान है। बढ़ी आवक को देखते हुए मंडी प्रशासन ने चर्चा के बाद प्रांगण में भी धान की नीलामी करवाई।

शेड में ही नीलामी का फ़ैसला अपनी जगह बरकरार है लेकिन बीच में हुई बारिश के बाद खेती किसानी के काम में तेजी आ चुकी है। इस तेजी ने खर्चे भी बढ़ा दिए हैं। इन खर्चों की पूर्ति के लिए किसान खरीफ की तैयारियों को लेकर रखे धान निकालने लगे हैं। इसका असर बुधवार की सुबह कृषि उपज मंडी में पड़ता हुआ दिखाई दिया। आवक का एकाएक बढा दबाव देख मंडी प्रशासन ने व्यापारियों से चर्चा के बाद खुले प्रांगण में भी नीलामी की व्यवस्था करवाई। बादलों की आवाजाही के बीच किसी तरह कामकाज निपटा लिया गया।

मोटा धान के लिए पहली बार दो नीलामी
व्यवस्था बनाने के प्रयासों में लगे मंडी प्रशासन को पहली बार मोटा धान की बिक्री के लिए दो अलग व्यवस्था करनी पड़ी याने शेड और प्रांगण में एक साथ मोटा धान की नीलामी चालू की गई। इसके लिए चार से 6 अतिरिक्त कर्मचारी की तैनाती करनी पड़ी। पहली बार एक ही किस्म के धान के लिए दो जगह अलग-अलग नीलामी की व्यवस्था को लेकर मंडी प्रांगण में दिनभर चर्चा का बाजार गर्म रहा।

नई व्यवस्था से नफा और नुकसान
बढ़ी आवक के बीच जो नई व्यवस्था की गई उसके पक्ष और विपक्ष में कई तर्क रखे जा रहे हैं। समर्थन में एक पक्ष का कहना है कि इससे रोजाना की आवक रोज नीलाम की जा सकेगी। शेड जाम नहीं होंगे। दोनों तरफ एक साथ नीलामी और बाद की प्रक्रिया निपटाई जा सकेगी। दूसरा पक्ष इस तर्क से जरा भी सहमत नहीं है। कहा जा रहा है कि प्रांगण और शेड के नीचे मोटा धान के भाव में 100 से 150 रुपए का अंतर आ चुका है। प्रांगण में जो महामाया धान 12 सौ से 1450 रुपए पर नीलाम हुआ तो वही धान शेड में 1450 से 16 सौ रुपए पर नीलाम हुई। यह भी कहा जा रहा है कि अचानक मौसम बिगड़ने और बारिश होने पर नुकसान की जिम्मेदारी भी स्पष्ट नहीं है जबकि शेड के नीचे ऐसी कोई दिक्कत नहीं आएगी।

हुई रिकॉर्ड आवक
बारिश के बाद खेती किसानी के काम में तेजी आने लगी है। ऐसे में होने वाले खर्च के लिए पैसे की जरूरतें बढी हुई है। इसकी पूर्ति के लिए किसान बड़ी मात्रा में कृषि उपज लेकर मंडी पहुंच रहे हैं। इसमें मोटा धान की मात्रा सबसे ज्यादा है। बारिक धान की मात्रा बेहद सीमित है। बुधवार को मोटा और बारिक दोनों किस्म के धान की अनुमानित आवक 20 हजार बोरा का होना बताया जा रहा है। यही स्थिति गुरुवार को भी बने रहने की संभावना है क्योंकि बुधवार की दोपहर तक आने वाली गाड़ियां प्रांगण के बाहर खड़ी रही। उन्हें जगह मिलने पर ही प्रवेश की अनुमति दिए जाने की जानकारी मंडी प्रशासन ने दी है। इस बीच शेड खाली करवाने के प्रयास होते रहे।

“मोटा धान के लिए दो नीलामी की व्यवस्था व्यापारियों के आग्रह पर ही की गई थी। आवक का भी काफी दबाव था इसलिए यह व्यवस्था करनी पड़ी। जो शेड खाली नहीं हुए हैं उन्हें तत्काल खाली करने के आदेश जारी किए जा चुके हैं।”

डी के सिंह, सचिव, कृषि उपज मंडी भाटापारा

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