महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना के बाद अब दिल्ली और राजस्थान ने भी बंद किए आर्डर

भाटापारा- अब दिल्ली और राजस्थान से पोहा के आर्डर बंद होने लगे हैं। तो उत्तर प्रदेश भी ऐसी ही दिक्कत बता रहा है। राज्यों को जोड़ने वाली सीमाओं पर कड़ी निगरानी और चौकसी के बाद इन तीनों राज्यों ने छत्तीसगढ़ को पोहा के ऑर्डर देने पर तत्काल ब्रेक लगा दिया है। इस तरह छत्तीसगढ़ में पोहा उद्योगों को चालू माह में दूसरा जोर का झटका लगा है। ऐसे में अब उत्पादन उतना ही किया जा रहा है जितनी मांग निकल रही है।

बड़े जतन और सुव्यवस्थित तरीके से छत्तीसगढ़ के पोहा उद्योगों ने राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अपने उत्पादन के लिए जगह बनाई थी। ज्यादा समय नहीं हुआ जब इन तीनों राज्यों को छत्तीसगढ़ का पोहा खूब पसंद आया और आर्डर दिए जाने लगे। पहले से ही तैयार हो चुका महाराष्ट्र कर्नाटक आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के बाद इन तीनों राज्यों को मिलाकर कुल 7 राज्यों में अपने उत्पादन को जिस मेहनत और जतन के साथ जगह दिलाई उससे इन राज्यों में छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान मिली। अब कोरोना का कहर छत्तीसगढ़ की पोहा मिलो पर तेजी से टूट रहा है। एक-एक करके उसके हाथ से बड़े खरीदार राज्य निकलते जा रहे हैं। बेबसी के साथ खामोश होकर चुपचाप सहने को मजबूर है छत्तीसगढ़ का यह उद्योग।

अब यह राज्य भी निकले हाथ से
बड़े जतन और मेहनत से छत्तीसगढ़ के इस सबसे बड़े पोहा उत्पादक शहर ने राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अपने लिए नया बाजार बनाया था। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि जिस तरह सबसे बड़ा खरीदार महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश, गुजरात का पोहा ले रहा है इससे होने वाले नुकसान की भरपाई नए राज्यों की मांग से किया जा सके। उत्पादन न केवल पसंद किया गया बल्कि आर्डर भी भरपूर मिलने लगे लेकिन कोरोना की नजर इन राज्यों पर भी लग चुकी है। लिहाजा यहां से आर्डर पर ब्रेक लग चुका है।

यहां पहले से ही बंद
छत्तीसगढ़ के पोहा उद्योग को महाराष्ट्र, कर्नाटक ,आंध्र प्रदेश और सीमावर्ती राज्यों में अच्छी पहचान मिली हुई है। लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद लगे लॉकडाउन से बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है इसलिए इन राज्यों से छत्तीसगढ़ को पोहा के ऑर्डर दिए जाने पर माह भर पहले से ही ब्रेक लगा हुआ है। ऐसा कब तक चलेगा इस पर संतोषजनक जवाब आज तक नहीं मिले हैं। ऐसे में पोहा उद्योग भारी संकट का सामना कर रहा है।नए ग्राहक भी हाथ से निकल चुके हैं।

इस वजह से आर्डर नहीं
नए उपभोक्ता राज्य दिल्ली और राजस्थान के लिए जो गाड़ियां आवाजाही कर रही है उनकी जांच में इन राज्यों की प्रवेश सीमा पर इतनी कड़ाई से जांच की जा रही है कि चालक परिचालक परेशान हो चुके हैं। वैध दस्तावेज के लाख प्रमाण भी काम नहीं आ रहे हैं इसलिए ट्रांसपोर्टरों ने इन तीनों राज्यों के लिए बुकिंग बंद कर दी है। इस तरह मेहनत और जतन से तैयार किया गया दो बाजार भी हाथ से निकल गया।

जितनी मांग उतना ही उत्पादन
इस तरह एक साथ सात राज्यों की मांग बंद हो चुकी है। इसे देखते हुए पोहा मिलों ने उत्पादन में 60 फ़ीसदी की कटौती कर दी है। नए खरीदारों की भी खरीदी बंद होने के बाद अब पोहा का उत्पादन उतना ही किया जा रहा है जितनी मांग आ रही है। आपात स्थितियों के लिए उत्पादन का कुछ हिस्सा अलग से रखा जा रहा है ताकि बाजार बढ़ने पर मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बना रहे। इस तरह पहली बार छत्तीसगढ़ का पोहा उद्योग गंभीर संकट में आ चुका है।

“राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से भी पोहा के ऑर्डर मिलने बंद हो चुके हैं। अब उत्पादन उतना ही किया जा रहा है जितनी मांग है।”
कमलेश कुकरेजा

संरक्षक, पोहा मिल एसोसिएशन भाटापारा

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